झालावाड़ के एक निजी अस्पताल संजीवनी हॉस्पिटल में झालरापाटन निवासी रमेश गुप्ता को अपनी आंखों का इलाज करवाना महंगा पड़ गया. मामला यहां तक पहुंच गया कि व्यक्ति को अपनी आंख से ही हाथ धोना पड़ गया. पीड़ित व्यक्ति अब अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहा है. अस्पताल को जांच में भी दोषी पाया गया है.
डाक्टर की लापरवाही से गई आंख की रोशनी
रिपोर्ट के मुताबिक झालावाड़ के संजीवनी अस्पताल में झालरापाटन शहर निवासी रमेश गुप्ता की आंख का ऑपरेशन किया गया था. यह ऑपरेशन डॉ दीपक शर्मा नाम के चिकित्सक द्वारा किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीज की आंख में संक्रमण फैल गया और उसे अपने आंख से ही हाथ धोना पड़ गया. बाद में रोगी द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मामले में शिकायत की गई, जिसके बाद जांच में भी चिकित्सालय को दोषी माना गया है. अब व्यापारी ने डॉक्टर और अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
रिपोर्ट में सामने आई यह बात
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पीड़ित रमेश गुप्ता की शिकायत पर उनके द्वारा उपमुख्य चिकित्सा और स्वास्थ अधिकारी डॉ. राथेश्याम मेहर को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे, जिस पर उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मामले में जांच पूरी करते हुए गत 29 सितंबर 2023 को जांच रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट में बताया गया कि रोगी रमेश गुप्ता की बाई आंख का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर दीपक कुमार शर्मा की ओर से पोस्ट ऑपरेटिव केयर में लापरवाही बरती गई थी.
स्वास्थ्य विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अथिकारी झालावाड़ डॉ. जी.एम. सैय्यद ने बताया कि जैसे ही यह मामला उनके सामने आया तो उन्होंने इसकी जांच करवाई. जांच में डॉक्टर को देखभाल नहीं करने और मरीज संक्रमण का दोषी पाया गया है. इसके बाद अस्पताल अस्पताल और डॉक्टर दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया है, उनका जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
अस्पताल ने बताया आरोप को निराधार
वहीं, इस मामले संजीवनी अस्पताल की तरफ से कहा गया है की अस्पताल की ओर से इलाज मे कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. जिस दिन व्यापारी का ऑपरेशन हुआ था उस दिन तीन अन्य ऑपरेशन और भी हुए थे, वह सभी सही है. व्यापारी द्वारा लगाए गए आरोप गलत है.
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