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This Article is From Oct 10, 2023

राजस्थान चुनावः वसुंधरा को उन्हीं के गढ़ में घेरने की तैयारी, करीबी अफसर रायसिंह मोजावत देंगे चुनौती, जानिए प्लान

Vasundhara Raje in Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभी तक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को वो महत्व मिलता नहीं दिख रहा है, जिसकी वो हकदार हैं. सियासी जानकार उन्हें साइडलाइन किए जाने की बात कर रहे हैं. इधर अब उनके गढ़ झालावाड़ में भी उनको घेरने की तैयारी हो गई है.

राजस्थान चुनावः वसुंधरा को उन्हीं के गढ़ में घेरने की तैयारी, करीबी अफसर रायसिंह मोजावत देंगे चुनौती, जानिए प्लान
वसुंधरा राजे को उन्हीं के गढ़ में चुनौती देने वाले अधिकारी रायसिंह मोजावत.

Vasundhara Raje in Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में भाजपा... इस बात की जिक्र छिड़ते ही जेहन में सबसे पहले वसुंधरा राजे का नाम आता है. वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रही हैं. साथ ही उन्होंने राजस्थान से चार बार लोकसभा का चुनाव भी जीता है. बीते करीब दो दशक से वो प्रदेश में भाजपा की सबसे बड़ी नेता मानी जाती रही हैं. लेकिन इस बाद परिस्थितियां अलग है. इसबार वसुंधरा भाजपा का चेहरा नहीं हैं. चुनावी अभियान में उन्हें भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. ऐसे में राजे को बीजेपी में साइडलाइन करने की चर्चा चल रही हैं.

भाजपा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में भी राजे का नाम नहीं था न ही उनके समर्थकों का. चुनाव से पहले ही वसुंधरा गुट के नेताओं को एक-एक किनारे किया जा रहा है. अब वसुंधरा राजे को उन्हीं के गढ़ में घेरने की तैयारी हो रही है. राजस्थान का झालावाड़ जिला वसुंधरा राजे का गढ़ है. 

झालावाड़ की झालरापाटन विधानसभा से वसुंधरा राजे चुनाव लड़ती हैं. झालावाड़ में वसुंधरा राजे की राजनीतिक पकड़ बेहद मजबूत है. राजे यहां से 5 बार सांसद और चार बार विधायक बनी हैं. अपने चार बार की कार्यकाल के दौरान ही राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री भी रही हैं.

वसुंधरा को चुनौती देंगे सरकारी अधिकारी रायसिंह मोजावत
वसुंधरा राजे सिंधिया के गढ़ से इस चुनाव में एक सरकारी अधिकारी भी पूर्व सीएम को चुनौती देने को तैयार हैं. खास बात यह है कि वसुंधरा को टक्कर देने वाला सरकारी अधिकारी पहले उनका बेहद करीबी हुआ था. लेकिन इस बार यह पूर्व अफसर राजे को टक्कर देने की तैयारी में हैं. वसुंधरा राजे को उन्हीं के गढ़ में टक्कर देने वाले पूर्व अधिकारी का नाम हैं- रायसिंह मोजावत. 

पीपलिया मंदिर में पूजा कर चुनावी अभियान का किया शंखनाद

राजकीय सेवा के इस अधिकारी ने नौकरी छोड़कर राजे के विरुद्ध चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने झालावाड़ की मध्य प्रदेश सीमा पर स्थित पीपलिया बालाजी मंदिर से विधिवत पूजा अर्चना करके अपने चुनाव अभियान की विधिवत शुरुआत कर दी हैं. एक सभा को संबोधित करते हुए अपने चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली. झालरापाटन विधानसभा से इन्होंने पहले उम्मीदवार के रूप में चुनावी बिगुल बजा दिया है.

राजस्थान सरकार के पूर्व अधिकारी रायसिंह मोजावत की चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से हर कोई आश्चर्य चकित है तथा हर कोई यही सवाल कर रहा है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

जानिए कौन हैं रायसिंह मोजावत

रायसिंह मोजावत राजस्थान के एक सरकारी अधिकारी हैं. उन्होंने अपनी नौकरी का लगभग 20 साल का हिस्सा झालावाड़ में बिताया है. रायसिंह ने यहां लंबे समय तक खेल अधिकारी, सहकारिता विभाग के एमडी सहित महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां को संभाला है. वर्तमान में वो सहकारिता विभाग में ज्वाइंट रजिस्टार कैडर के अधिकारी हैं। मोजावत की राजकीय सेवा के अभी 7 वर्ष बाकी हैं किंतु उन्होंने वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया है और चुनाव मैदान में उतरने की ठान ली है.

विकास और बेरोजगारी के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की बात
मोजावत ने कहा कि यह चुनाव हमारे लिए स्वाभिमान और झालावाड़ को समर्थ , समृद्ध बनाने की जंग है. हमारा लक्ष्य झालावाड़ को आर्थिक दृष्टि से ऊंचाइयों पर पहुंचना है. झालावाड़ जिले में जगह-जगह पर एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाकर किसानों के उत्पादों का लाभकारी मूल्य दिलाना हे। एग्रो प्रोसेसिंग प्लांट और मार्केटिंग की जोरदार स्ट्रेटटेजी बनाकर और उसे धरातल पर लाना होगा. इसके लिए हम लोग  जन जन  तक पहुंचेगे.

समझिए मोजावत का सियासी गणित 
मोजावत द्वारा चुनाव लड़ने की घोषणा के पीछे की गणित को जब समझने का प्रयास किया तो सूत्रों ने बताया कि मोजावत पहले तो भारतीय जनता पार्टी से ही टिकट मांग रहे हैं. जहां वसुंधरा खुद चुनाव लड़ती हैं. दूसरी सूरत में उनका कहना है कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने उनको वसुंधरा राजे के सामने चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया तो वह कांग्रेस या निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़कर चुनौती पेश करेंगे. सूत्र बताते हैं कि मोजावत की राजपूत समाज सहित अन्य वर्गों में भी अच्छी पकड़ है तथा वह है भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष  स्तरीय नेताओं के भी संपर्क में हैं.

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