Ajmer Dargah: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू राष्ट्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बुधवार (10 दिसंबर) को अजमेर न्यायालय में महत्वपूर्ण याचिका दायर की. उन्होंने उर्स के दौरान प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला कलक्टर सहित संवैधानिक पदों से भेजी जाने वाली चादर पर रोक लगाने की मांग की है. गुप्ता का कहना है कि अल्पसंख्यक मंत्रालय खुद इस प्रकरण का एक पक्ष है और उसी विभाग की ओर से चादर भेजना निष्पक्षता पर प्रश्न खड़ा करता है. उनके अनुसार सोशल मीडिया पर इन चादरों की तस्वीरें और समाचार भी प्रकाशित होते हैं, जिससे दरगाह में शिव मंदिर होने के उनके दावे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसी वजह से उन्होंने न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है.
अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश रिज़र्व रखा
विष्णु गुप्ता के अनुसार अदालत ने मामले को गंभीरता से सुना और अपने आदेश को रिज़र्व रख लिया है. गुप्ता ने कहा कि उर्स शुरू होने वाला है, ऐसे में यदि संवैधानिक पदों से चादर भेजी गई तो उनके प्रार्थना पत्र का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा और बाद में यह मामला सुनने का कोई औचित्य नहीं बचेगा. उन्होंने अदालत से शीघ्र निर्णय देने की अपील की है. गुप्ता ने बताया कि उन्हें अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है.
मामला विचाराधीन है तो चादर चढ़ाना उचित नहीं
गुप्ता ने कहा कि जब तक दरगाह में शिव मंदिर होने का मामला अदालत में विचाराधीन है, तब तक किसी भी संवैधानिक पद से चादर चढ़ाना उचित नहीं है. उन्होंने दावा किया कि पीएम, सीएम और डीएम समेत कई संवैधानिक पदों से उर्स में चादर भेजने की तैयारियां हैं, जिससे उनके दावे को नुकसान पहुंचेगा. गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ख्वाजा साहब की ‘भक्त' नहीं, बल्कि राजनीतिक परंपरा निभाने के लिए चादर भेजती है। फिलहाल अदालत के निर्णय का इंतजार है, जिससे अगली दिशा तय होगी.
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