
Delhi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की उच्च स्तरीय समीक्षात्मक बैठक हुई. बैठक में मंत्रालय के कामकाज और आगामी योजनाओं के संबंध में विस्तार से फीडबैक लिया गया. इस मीटिंग में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ विभाग के उच्च अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे.
'इंक्रेडिबल आइडिया देते हैं पीएम मोदी'
शेखावत ने बताया कि भारत के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के विषय पर हुई समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने मार्गदर्शन किया. शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यटन विकास को देश के सामाजिक-आर्थिक जीवन में सुधार से जोड़ते हैं, इसलिए वे भारत को दुनिया का एक विश्वसनीय और सुविधाजनक पर्यटन केंद्र बनाने की नीति में निरंतर सुधार को प्रोत्साहित करते हुए हर बार ‘इंक्रेडिबल आइडिया' देते हैं.
Attended the review meeting chaired by honourable PM Shri @narendramodi to assess the progress in the #Tourism sector.
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) May 20, 2025
His visionary leadership is the guiding force for all our efforts in making Bharat a top global tourist destination. pic.twitter.com/ajsjJ7FQSe
पर्यटन क्षेत्र को सशक्त बना रहीं ये योजनाएं
शेखावत ने आगे कहा कि भारत को दुनिया का विश्वसनीय और सुविधाजनक पर्यटन केंद्र बनाने में मोदी सरकार की विभिन्न योजनाएं अहम भूमिका निभा रहीं हैं, जिसमें प्रसाद और स्वदेश दर्शन योजनाएं खास हैं. प्रसाद योजना, 'तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान' है, जिसका उद्देश्य देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों का समग्र विकास करना है, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय अर्थव्यवस्था सशक्त हो. अब तक इस योजना के तहत 48 परियोजनाओं को 1646.99 करोड़ रुपए की मंजूरी दी जा चुकी हैं, जिनमें से 23 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है.
वहीं, स्वदेश दर्शन योजना का उद्देश्य थीम आधारित पर्यटन सर्किटों का विकास करना है. अब तक इस योजना के तहत 76 परियोजनाओं को 5287.90 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है, जिनमें से 75 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं. 'अतुल्य भारत अभियान' के तहत 'मीट इन इंडिया' पहल भी इस दिशा में अहम भूमिका निभा रही है.
स्थानीय समुदायों की भागीदारी हो रही सुनिश्चित
केंद्र सरकार की इन योजनाओं के माध्यम से पर्यटन स्थलों का विकास, रोजगार सृजन, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है, इससे न केवल घरेलू, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है, जिससे भारत का पर्यटन क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है.
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