Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले क्यों... लोकेश शर्मा के गहलोत सरकार पर लगाए गए आरोपों के सियासी मायने क्या हैं?

Lokesh Sharma PC: राजस्थान में दूसरे चरण की 13 सीटों के लिए चुनाव प्रचार का शोर भले ही थम गया हो लेकिन अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री काल में उनके OSD रहे लोकेश शर्मा ने फ़ोन टैपिंग सहित कई मामलों में बड़े ख़ुलासे कर राजस्थान की सियासत में भूचाल ला दिया है.

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनके OSD रहे लोकेश शर्मा.

Lokesh Sharma on Ashok Gehlot Govt: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD रहे लोकेश शर्मा ने बुधवार को प्रेस कॉफ्रेंस कर पूर्ववर्ती सरकार पर कई आरोप लगाए. इस दौरान उन्होंने 2020 में राजस्थान सरकार पर आई संकट के समय वायरल हुई ऑडियो टेप के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी कई बातें कही. लोकेश के खुलासे से राजस्थान का सियासी पारा चढ़ गया है. लोकेश ने गहलोत सरकार के समय हुए करप्शन को लेकर भी बड़ी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार में जो करप्शन हुआ वैसा आज तक कभी नहीं हुआ. लोकेश की पीसी ने लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान की राजनीति को एक नया मुद्दा दे दिया है. जिसपर भाजपा के हमलावर होने की संभावना जताई जा रही है. 

लोकेश शर्मा के आरोपों से राजस्थान की राजनीति में भूचाल

राजस्थान में दूसरे चरण की 13 सीटों के लिए चुनाव प्रचार का शोर भले ही थम गया हो लेकिन अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री काल में उनके OSD रहे लोकेश शर्मा ने फ़ोन टैपिंग सहित कई मामलों में बड़े ख़ुलासे कर राजस्थान की सियासत में भूचाल ला दिया है. 

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लोकेश शर्मा ने NDTV से बातचीत में बताया कि जुलाई 2020 में राजस्थान में सियासी बग़ावत के समय जो ऑडियो टेप उन्होंने मीडिया को दिए थे वो अशोक गहलोत में एक पेन ड्राइव में डालकर ही उन्हें उपलब्ध करवाए थे और मीडिया को देने करवाने के लिए कहा था. 

लोकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि अशोक गहलोत के इशारे पर ही ये पूरी फ़ोन टैपिंग हुई थी. ना केवल गजेन्द्र सिंह शेखावत बल्कि सचिन पायलट सहित कांग्रेस के मंत्री विधायकों के फ़ोन भी सर्विलांस पर थे. लोकेश शर्मा ने यहाँ तक कहा कि अशोक गहलोत में बाद में उन्हें इस प्रकरण से जुड़े सबूत भी डिस्ट्रॉय करने के लिए भी दबाव बनाया था. 

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गहलोत ने मुझे अकेले छोड़ दिया, मजबूरी में करना पड़ा खुलासाः लोकेश

इन खुलासों की टाइमिंग के सवाल पर लोकेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली क्राइम ब्रांच उनसे लगातार पूछताछ कर रही है जो अपराध उन्होंने नहीं किया उसके लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. इस पूरे प्रकरण में अशोक गहलोत ने उन्हें अकेला छोड़ दिया लिहाज़ा मजबूरी में उन्हें यह ख़ुलासा करना पड़ा है. अशोक गहलोत उनके राजनीतिक गुरु रहे हैं लेकिन जिस तरीक़े से इस पूरी साज़िश में उन्होंने मेरा उपयोग या वो मेरे लिए असहनीय दौर रहा है.

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पेपर लीक और पायलट विवाद पर भी बोले लोकेश

लोकेश शर्मा अपने खुलासों पर यहाँ भी नहीं रुके उन्होंने कहा राजस्थान में जिस तरीक़े से रीट सहित कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए उसमें अशोक गहलोत की मिली भगत थी उन्होंने अपने लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की. अशोक गहलोत ने युवाओं के सपनों को तोड़ा है. लोकेश शर्मा  ने कहा कि 25 सितंबर 2022 को जब आलाकमान राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहता था. तब अशोक गहलोत के इशारे पर ही कांग्रेस के विधायकों ने बग़ावत की थी. गहलोत ने जैसलमेर से तनोट माता मंदिर से उन्हें फ़ोन कर कहा था कि मीडिया को यह जानकारी दी जाए कि विधायकों ने अपनी मर्ज़ी से बग़ावत की है. 

पायलट को सीएम मानने को तैयार नहीं थे गहलोत

लोकेश शर्मा ने आगे कहा कि वे (गहलोत) सचिन पायलट को मुख्यमंत्री मानने को तैयार नहीं है. लोकेश शर्मा ने कहा राजस्थान में अशोक गहलोत के कार्यकाल में जिस तरीक़े का करप्शन हुआ है वो इतिहास में कभी नहीं हुआ. चाहे कोरोना काल में उपकरणों की ख़रीद का मामला हो या फिर खनन घोटाला हो अशोक गहलोत मैं हमेशा कांग्रेस की नीतियों के ख़िलाफ़ काम किया है. उन्होंने न केवल कांग्रेस आलाकमान को धोखा दिया बल्कि प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया है.

लोकेश ने 2020 में राजस्थान सरकार पर आई संकट के समय हुए कई वाकयों पर अंदर की बात बताई. 2020 में जब गहलोत सरकार पर संकट के बादल छाए थे, तब एक ऑडियो टेप वायरल हुआ था. जिसके आधार पर भाजपा पर कांग्रेस विधायकों के खरीद-फरोख्त की बात कही गई थी. इस ऑडियो टेप के बारे में लोकेश शर्मा ने बताया कि यह ऑडियो टेप मुझे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक पेन ड्राइव में दी थी. और कहा था कि इसे मीडिया तक पहुंचाओ. 

लोकेश शर्मा के पीसी की टाइमिंग पर उठ रहे सवाल

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब लोकेश शर्मा इन सब बातों को जान रहे थे, तब इसका खुलासा इस समय क्यों किया गया. वे अभी तक चुप क्यों थे. और लोकसभा चुनाव के मतदान से ठीक पहले उन्होंने गहलोत सरकार की बखियां क्यों उखेड़ी. राजस्थान में दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले ये आरोप क्यों... इस सवाल पर लोकेश शर्मा ने कहा कि इसकी कोई खास वजह नहीं है, ये मेरे ऊपर बोझ था, मेरा परिवार रोज पूछता था कि आगे क्या होगा तो आज ये जिनकी चीज़ें थी मैंने उनको तर्पण कर दी है. 

सरकारी गवाह बनकर गहलोत तक जांच पहुंचाने की कोशिश

लोकसभा चुनाव के मतदान से पहले लोकेश शर्मा के आरोपों पर राजस्थान की राजनीति के जानकारों का कहना है कि इन आरोपों के जरिए कांग्रेस सरकार में हुई गड़बड़ियों को फिर से उजागर कर पार्टी में आपसी फूट के साथ-साथ वोटरों का मन बदलने की कोशिश भी की गई है. दूसरी ओर कानूनी पक्ष देखें तो फोन टैपिंग के मामले में लोकेश शर्मा को गहलोत ने अकेला छोड़ दिया है. अब उनका साथ कोई कांग्रेस नेता नहीं दे रहा है. ऐसे में संभव है कि कुछ दिनों में लोकेश सरकारी गवाह बन जाए और फिर इस मामले की आंच अशोक गहलोत तक पहुंचे. 

क्या लोकेश शर्मा को मिल रहा भाजपा का शह

दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि लोकेश के इन आरोपों की टाइमिंग की कहानी विरोधी दल के कुछ नेताओं के कहने पर तय की गई है. विश्वस्त सूत्रों की माने तो आज हुई लोकेश शर्मा की पीसी के पीछे भाजपा के कुछ नेताओं का भी हाथ है. ताकि लोकसभा चुनाव में और खासकर जालौर सिरोही में वैभव गहलोत के प्रचार-अभियान पर असर पड़े. लोकेश शर्मा ने भी खुद पीसी में कहा कि पिता के सीएम रहते वैभव जब जोधपुर से चुनाव नहीं जीत सके तो जालौर सिरोही से क्या जीत पाएंगे. वहीं कुछ दिनों पहले लोकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा के चुनाव प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से मुलाकात भी की थी.  

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