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लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से ठीक पहले अशोक गहलोत की सरकार में उनके OSD रहे लोकेश शर्मा ने पूरे राजस्थान की राजनीति में बवाल मचा दिया है. लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत के खिलाफ प्रेस कॉफ्रेंस कर अहम खुलासे किये हैं. जिसमें साल 2020 में गहलोत सरकार पर आए संकर को लेकर कई बड़ी बातें सामने रखी है. जिससे चौतरफा राजनीतिक उबाल उठना तय है. चलिए आपको लोकेश शर्मा के खुलासे के 10 बड़ी बातें बताते हैं.
- लोकेश शर्मा ने फोन टैंपिंग प्रकरण को लेकर खुलासा करते हुए कहा कि फोन टैपिंग के ओडियो टैप सोशल मीडिया से नहीं मिले थे बल्कि अशोक गहलोत ने खुद मुझे दिये थे. जिसे मैंने गहलोत के कहने के बाद मीडिया को अन्य मोबाइल नंबर के जरिए शेयर किया था.
- लोकेश शर्मा ने कहा उन्होंने मुझे होटल बुलाया था जहां वह मेरा इंतजार कर रहे थे. वहां उन्होंने पेन ड्राइव दी और कहा कि इसे मीडिया में सर्कुलेट करवाओ. मैंने पेन ड्राइव से उसे लैपटॉप में लिया फिर फोन के जरिए मीडिया में सर्कुलेट किया
- लोकेश शर्मा ने कहा कि मेरे राजनीतिक गुरु अशोक गहलोत ने अपनी कुर्सी को बचाने के लिए मेरा इस्तेमाल किया था. उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया था. इसलिए मैंने उनके आदेश की पालना की. अशोक गहलोत को मुझ पर संदेह था इसलिए उन्होंने मेरा फोन डिस्ट्रॉय करवाया. यही वजह है कि 26 नवंबर 2021 को मेरे कार्यालय में SOG की आड़ में रेड करवाई गई थी.
- लोकेश शर्मा ने कहा कि जब सरकार बच गई तो मेरे केस के बारे में बात करना बंद कर दिया. तीन साल से दिल्ली क्राइम ब्रांच में पूछताछ जारी है. मैं और मेरा परिवार प्रतारित हो रहे हैं.
- लोकेश शर्मा ने खुलासा किया कि सरकार गिरने वाली थी तो सचिन पायलट कैंप के विधायकों के फोन टेप किये जा रहे थे. विधायकों के खरीद फरोक्त की बात की जा रही थी.
- लोकेश ने यह भी कहा कि गहलोत के कहने पर ही गजेंद्र सिंह शेखावत की छवि खराब करने के लिए संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी का मुद्दा उठाया गया था.
- पेपर लीक पर खुलासा करते हुए लोकेश ने कहा कि रीट मामले में पेपर लीक करवाने में गहलोत सरकार के सिस्टम की मिलीभगत थी.
- अशोक गहलोत के पास गृह विभाग था. फ़ोन टैपिंग और पेपर लीक मामले की पूरी जानकारी उस वक्त के डीजीपी और सीएम सचिव को थी.
- गहलोत सरकार में जो करप्शन हुआ वैसा आज तक कभी नहीं हुआ. कोरोना काल में भी उपकरण खरीदने में जो खेल हुआ वो मानवता के नाम पर कलंक है. इसके अलावे 1 हजार करोड़ का खान घोटाला हुआ. 7 हजार 400 करोड़ का मोबाइल घोटाला. ग्रामीण खेलों के नाम पर धांधली की गई.
- 25 सितंबर 2022 में जब आलाकमान ने अपने प्रस्तावक राजस्थान भेजे थे. तब भी अशोक गहलोत ने साजिश के तहत पूरा खेल रचा और आलाकमान को धोखा देने का काम किया. विधानसभा चुनावों के समय कई टिकट बदलने की बात हुई लेकिन गहलोत ने अपनी चलाई और उनकी इस हठ धर्मिता की वजह से ही राजस्थान में सरकार वापसी नहीं कर पाई.