
बीजेपी विधायक अनीता भदेल ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि आप कहते हैं कि दूसरों में दोष नहीं देखना चाहिए. किसी कि निंदा करना पाप है. वे 25 साल से राजनीति क्षेत्र में हैं और इसमें दूसरों के दोषों का महिमामंडन करके ही आगे बढ़ा जा सकता है. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि पद के अधिकार के अनुसार निंंदा करना पड़ता है. प्रेमानंद महाराज ने उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरों को दंड नहीं देना चाहिए, जैसे कोई पुलिस और आर्मी में है तो उसे चोर और अपराधी के साथ प्रतिकूल व्यवहार करना पड़ेगा. क्योंकि ये उनका कर्तव्य है. दोषी को दंड देना और निर्दोष का साथ देना धर्म है.
"अपना पक्ष पुष्ट करना पड़ेगा"
प्रेमांनद महाराज ने अनीता भदेल से कहा कि आप राजनेता हैं तो आपको अपने पक्ष को पुष्ट करना पड़ेगा. क्योंकि आप ऐसा नहीं करेंगी तो आपकी जीत कैसे होगी. जैसे विपक्ष को पद पर बैठे राजनेता के धर्म को याद दिलाना चाहिए. ये कहना चाहिए कि ये आपका धर्म है और आपको ऐसा करना चाहिए. आपने नहीं किया तो बहुत ही निंदनीय बात है. हमारा विपक्ष गलत करता है तो समाज सुधार के लिए उसकी निंदा करनी पड़ेगी. आप राजनेता के पद पर हैं, वो निंदा निंदनीय नहीं है.
"निंंदा करके सही रास्ता दिखाना चाहिए"
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जैसे कोई बड़े पद पर बैठा है और वो सही निर्णय नहीं कर रहा है, और आप उसके विपक्ष में हैं तो आपको निंदा तो करनी पड़ेगी. चार लोग उसकी निंदा करके उसको सही रास्ता दिखाया जाता है कि आप गलत हैं. ये कहना पड़ेगा कि आपको सुधार करना पड़ेगा. आप समाज की दृष्टि में गलत हैं. इसमें समाज का अहित है. इसे कहना चाहिए. इसे निंदा नहीं मानी जाती है.
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