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This Article is From Jan 20, 2024

PM Rashtriya Bal Puraskar 2024: राजस्थान के आर्यन सिंह को मिलेगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 22 जनवरी को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

Pradhan Mantri Bal Puraskar 2024 Winners List: इस लिस्ट में कुल 19 नाम हैं, जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन सम्मानित करेंगी. पीएम मोदी अगले दिन सभी पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात करेंगे.

PM Rashtriya Bal Puraskar 2024: राजस्थान के आर्यन सिंह को मिलेगा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 22 जनवरी को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 19 बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PM Bal Puraskar) प्रदान करेंगी. इन 19 बच्चों में एक नाम राजस्थान के कोटा शहर में रहने वाले आर्यन सिंह (Aryan Singh) का भी है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) भी मंगलवार को इन सभी पुरस्कार विजेताओं से बातचीत करेंगे.

6 श्रेणियों में मिलेगा अवार्ड

इन बच्चों में दो आकांक्षी जिलों समेत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नौ लड़के तथा 10 लड़कियां शामिल हैं. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2024 छह श्रेणियों - कला और संस्कृति (7), वीरता (1), नवाचार (1), विज्ञान और प्रौद्योगिकी (1), सामाजिक सेवा (4) और खेल (5) में दिए जाएंगे. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई की उपस्थिति में बच्चों के साथ बातचीत करेंगी.

किन्हें मिलता है ये पुरस्कार?

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की असाधारण उपलब्धियों को पहचानना तथा उन्हें पुरस्कृत करना है. प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक और एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा. बयान में कहा गया है कि इस वर्ष महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने क्षेत्रीय समाचार पत्रों और सभी प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करके नामांकन बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए. 

15 सितंबर तक हुए थे नामांकन

राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल को नामांकन के लिए 9 मई से 15 सितंबर तक की लंबी अवधि के लिए खोला गया था. चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की कवायद में पिछले दो वर्ष से आंकड़े जुटाने के लिए कृत्रिम मेधा का उपयोग किया जा रहा है. योग्य उम्मीदवारों की सिफारिश करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की भी मदद ली गयी.

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