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65 करोड़ के सर्विलांस सिस्टम पर सवाल, फिर भी बाघ का पलायन जारी; बाघ टी-2512 रणथंभौर से निकला

रणथंभौर में बढ़ती बाघों की संख्या के चलते कई मर्तबा युवा बाघ टेरेटरी की तलाश में रणथंभौर की परिधि से बाहर निकल जाते हैं. यही वजह है कि इस बार युवा बाघ टी 2512 रणथंभौर से निकलकर कोटा क्षेत्र में पहुंच गया.

65 करोड़ के सर्विलांस सिस्टम पर सवाल, फिर भी बाघ का पलायन जारी; बाघ टी-2512 रणथंभौर से निकला

सवाई माधोपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर टाईगर रिजर्व से बाघों का निकलकर दूसरे क्षेत्र में जाने का सिलसिला लगातार जारी है. इस बार रणथंभौर में सुल्ताना के नाम से मशहूर बाघिन टी-107 का एक युवा शावक बाघ टी-2512 रणथंभौर से निकलकर कोटा क्षेत्र खातोली रेंज के बालूपा गांव के नजदीक जा पहुंचा, जहाँ लगातार बाघ का मूवमेंट बना हुआ है. रणथंभौर से कोटा की तरफ निकले बाघ टी 2512 की मॉनिटरिंग के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक शिखा मेहरा ने छह सदस्यीय टीम का गठन किया है. यह टीम लगातार बाघ की मॉनिटरिंग में जुटी हुई है.

रणथंभौर को प्रदेश की टाईगर नर्सरी भी कहा जाता है

रणथंभौर प्रदेश का सबसे बड़ा टाईगर रिजर्व है, साथ ही रणथंभौर को प्रदेश की टाईगर नर्सरी भी कहा जाता है. रणथंभौर की बदौलत ही प्रदेश के अन्य टाईगर रिजर्व बाघों से आबाद हैं. रणथंभौर में लगातार बढ़ती बाघों की संख्या कहीं न कहीं यहाँ के बाघों के लिए मुसीबत भी बनती जा रही है. वर्तमान में रणथंभौर में तकरीबन 78 के आसपास बाघ, बाघिन एवं शावक हैं, जबकि रणथंभौर की क्षमता 50 से 55 बाघों की है.

संख्या के चलते बाघों के लिए टेरेटरी कम पड़ने लगी

ऐसे में रणथंभौर में लगातार बढ़ रही बाघों की संख्या के चलते बाघों के लिए टेरेटरी कम पड़ने लगी है. इसका नतीजा यह हुआ कि टेरेटरी की तलाश में कई बार युवा बाघ रणथंभौर से निकलकर दूसरे इलाकों में पहुंचने लगे हैं. इस बार रणथंभौर का युवा बाघ टी 2512 टेरेटरी की तलाश में रणथंभौर से निकलकर कोटा क्षेत्र के जंगलों में जा पहुंचा.

6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है

बाघ के रणथंभौर से निकलने की सूचना पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक शिखा मेहरा द्वारा 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. जो बाघ की मॉनिटरिंग में जुटी हुई है. छह सदस्यीय टीम के अलावा भी बाघ की तलाश में रणथंभौर और कोटा के मुकुंदरा टाईगर रिजर्व की टीम भी बाघ की तलाश में जुटी हुई है. वन विभाग की टीम कोटा के खातोली रेंज की पार्वती नदी के आसपास बाघ के पगमार्क तलाश करने में जुटी हुई है क्योंकि इसी इलाके के बालूपा गांव के नजदीक बाघ का मूवमेंट देखा गया है.

कोटा पहुंचा बाघ टी 2512

रणथंभौर के वन्यजीव विशेषज्ञ एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक द्वारा गठित 6 सदस्यीय टीम के सदस्य धर्मेंद्र खांडल का कहना है कि रणथंभौर में बढ़ती बाघों की संख्या के चलते कई मर्तबा युवा बाघ टेरेटरी की तलाश में रणथंभौर की परिधि से बाहर निकल जाते हैं. यही वजह है कि इस बार युवा बाघ टी 2512 रणथंभौर से निकलकर कोटा क्षेत्र में पहुंच गया. खांडल का कहना है कि जिस रास्ते से युवा बाघ टी 2512 निकला है, यह बाघों के लिए एक कॉरिडोर के रूप में विकसित हो रहा है.

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