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80 की आयु में भी दौड़ते हैं युवाओं से तेज, 25 साल पहले 2 बार आया हार्ट अटैक, योग ने बदली जिंदगी

एक समय में कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो चुके शिव भगवान को योग का ऐसा सहारा मिला कि वे आज पूरी तरह स्वस्थ हैं और लोगों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं.

80 की आयु में भी दौड़ते हैं युवाओं से तेज, 25 साल पहले 2 बार आया हार्ट अटैक, योग ने बदली जिंदगी
योग करते हुए 80 साल के बुजुर्ग व्यक्ति

Rajasthan News: कहते हैं योग में बड़ी ताकत होती है. योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है. मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है. विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है. योग भारतीय संस्कृति का एक अटूट हिसा रहा हैं. योग भारतीयों की आत्मा है, भारतीयों की विरासत है जो हमें हमारे पूर्वजों से मिली हैं. इस विरासत को आज भी कई ऐसे लोग हैं जो संभाले हुए है और आगे बढ़ा रहे है. आज हम आपको 80 साल के युवा के बारे में बताएंगे जिन्होंने योग के सहारे अपनी बड़ी-बड़ी बीमारियों को दूर किया हैं. 80 वर्षीय यह युवा जब कबड्डी के मैदान में उतरता हैं तो अच्छों-अच्छों को पटकनी दे देता हैं. जब दौड़ लगता है तो युवा भी शरमा जाते हैं.

यह कहानी है राजस्थान सरदारशहर तहसील के गांव पिचकराई ताल के रहने वाले शिव भगवान भाकर की. 80 साल की उम्र पार कर चुके शिव भगवान आज भी ऐसी दौड़ लगाते हैं कि नौजवान तक को शर्म आ जाएगी. वो योग की ऐसी कठिन से कठिन मुद्राएं करते हैं, जिसे देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे.

योग से हुए निरोग

एक समय में कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो चुके शिव भगवान को योग का ऐसा सहारा मिला कि वे आज पूरी तरह स्वस्थ हैं और लोगों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं. शिव भगवान के योग शुरू करने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है.

2001 में आया था हार्ट अटैक

दरअसल, 2001 में शिव भगवान भाकर को 2 बार हार्ट अटैक आया. जिसके बाद उनका जीवन दवाइयों पर ही निर्भर हो गया. साथ ही डॉक्टरों ने कई प्रकार की खाने-पीने की पाबंदी भी लगा दी थी. डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि अगर आपने कभी घी और 100 ग्राम से ज्यादा दूध का सेवन करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है. उन्होंने हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद 3 महीने तक दवाइयां ली. लेकिन कोई फायदा नहीं मिला और शरीर में जलन रहने लगी.

परेशान शिव भगवान बीमारी से निजात पाने के लिए दूसरा रास्ता ढूढ़ने लगे. इसके बाद रामदेव बाबा से प्रेरणा लेकर उन्होंने धीरे-धीरे घर पर ही योग करना शुरू कर दिया.

ऐसे बदल गई जिंदगी

बात 2007 की है, भाकर योग को अच्छी तरह से समझने और सीखने के लिए पतंजलि योग शिविर गए और वहां जाकर तो जैसे उनकी जिंदगी बदल ही गई, 2007 के बाद भाकर नियमित रूप से सुबह 4 बजे उठकर प्रतिदिन 3 किलोमीटर दौड़ते हैं. रोज 3 घंटे योगासन के साथ-साथ खूब उठक-बैठक लगाते हैं.

शिव भगवान कहते हैं कि अब जब वह योग करते हैं तो उन्हें किसी भी चीज से परहेज करने की जरूरत नहीं पड़ती है. भाकर का कहना है कि वे हर दिन 2 से 3 किलो दूध पीते हैं और जमकर घी भी खाते हैं.

योग ने अपना ऐसा चमत्कार दिखाया कि अब भाकर ने अपनी सभी बीमारियों से पीछा छुड़ा लिया है. अब शिव भगवान किसी प्रकार की कोई दवा नहीं लेते हैं. हार्ट की प्रॉब्लम तो बहुत दूर की बात है. अब उन्हें खांसी-जुकाम तक नहीं होता है.

शिव भगवान बताते हैं कि उन्हें 38 साल की उम्र से ही तीन नंबर का चश्मा लगा हुआ था. जो अब हट चुका है. इतना ही नहीं उन्हें आंखों में जलन और पानी आने की समस्या थी. योग से वो भी अब दूर हो चुकी है. शिव भगवान अब योग के फायदे ग्रामीणों को भी बताते हैं और योग सिखाते भी हैं.

आज भी युवाओं से तेज दौड़ते हैं...

डॉ  सत्यनारायण झाझडिया बताते हैं कि शिव भगवान आस-पास के गांव में होने वाली दौड़ प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेते हैं. जिसमें जवान लड़कों को भी भाकर पछाड़ देते हैं. शिव भगवान इस उम्र में भी खेती बाड़ी का काम पूरे जोश और उत्साह के साथ करते हैं. इन्हें अपनी गायों से भी बहुत प्रेम है.

युवाओं को योग करने के लिए करते हैं प्रेरित

आज के समय में बढ़ते मानसिक तनाव को दूर करने के लिए शिव भगवान लोगों को योग करने की सलाह देते हैं. शिव भगवान स्थानीय युवाओं को समझाते हैं कि योग करना क्यों आवश्यक है और कौन से योग हैं, जो आपके मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं. गांव में अब तो युवा भी बड़े चाव से योग करते हैं. आसपास के कई क्षेत्रों में शिव कुमार योग सिखाने के लिए जाते हैं. 21 जून को योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाना है. ऐसे में शिव भगवान सभी से योग अपनाने की अपील कर रहे हैं.

हर दिन करना चाहिए 1 घंटे योग

लोगों को योग सिखाने वाले शिव भगवान का मानना है कि अगर हर वर्ग के लोग रोजाना 1 घंटे योग करें तो कोई भी बीमारी उनको नहीं होगी. योग के दम पर आज भी शिव भगवान भाकर युवा बने हुए हैं जो 80 साल की उम्र में भी युवा जैसा जोश रखते हैं. हमने हमारे ऋषियों मुनियों को योग करते नहीं देखा लेकिन शिव भगवान भाकर को देख कर योग की सकती का अंदाजा लगा सकते हैं. भारतीय संस्कृति में योग का विशेष महत्व आदिआनादि काल से रहा है ऐसे में शिव भगवान भागर कैसे लोग इस परंपरा को आगे बढ़ा रहा हैं.

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