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Rajasthan: सरकारी स्कूल शिक्षा में 7 महीने बाद सीकर फिर बना बादशाह, जानिए किन-किन मानकों से तय होती है रैंकिंग

राजस्थान में सरकारी स्कूल में पढ़ाई के मामले में सीकर जिला दिसंबर महीने में 1 नंबर पर रहा है. इससे पहले अक्टूबर में 9 नंबर पर था लेकिन 2 महीने मेहनत करके वह 1 नंबर पर आ गया.

Rajasthan: सरकारी स्कूल शिक्षा में 7 महीने बाद सीकर फिर बना बादशाह, जानिए किन-किन मानकों से तय होती है रैंकिंग
मुख्य शिक्षा विभाग कार्यालय सीकर.

Rajasthan State School Education Council Ranking: राजस्थान में राज्य स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा हर महीने प्रदेश के सभी जिलों की स्कूल शिक्षा के अनुसार रैंकिंग जारी की जाती है. जिसमें इस बार सीकर जिला पहले नंबर पर आया है. सीकर जिला इस रैंकिंग अव्वल रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह रैंकिंग में नीचे चला गया था. जिसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने जिले के सभी स्कूल में नोटिस भेज दिया. जिसका परिणाम हुआ कि सीकर ने रैंकिंग में 7 महीने बाद एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम कर ली. 

ब्लॉक सीईओ को जारी हुए थे नोटिस

पिछले दिसंबर महीने की रैंकिंग में सीकर जिले ने 53 अंकों के साथ फिर पहले पायदान हासिल कर लिया है. सीकर जिला इससे पहले मई महीने में अव्वल रहा था. इसके बाद लगातार सीकर की रैंकिंग गिरती गई और अगस्त महीने में तो चौथे स्थान पर पहुंच गया था. इसके बाद सितंबर महीने में पांचवें स्थान और अक्टूबर में 9 वें पायदान तक रैंकिंग पहुंच गई थी. इसके बाद जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और कई ब्लॉक के सीईओ को नोटिस भी जारी किए गए. 

इन सभी मानकों से तय होती है रैंकिंग

इसके बाद अधिकारियों और शिक्षकों के प्रयास से सीकर नवंबर महीने में तीसरे पायदान पर पहुंचा. अब दिसंबर महीने में सीकर राज्य स्कूल शिक्षा परिषद की रैंकिंग में 53 अंकों के साथ फिर से अव्वल रहा. आपको बता दे की राज्य स्कूल शिक्षा परिषद की जिले की मासिक रैंकिंग स्कूल के शैक्षिक स्तर, नामांकन में वृद्धि, बोर्ड परीक्षा परिणाम, खेलकूद मैदान, आमजन और भामाशाह का सहयोग, स्कूल की आधारभूत सुविधाएं, प्रतियोगी परीक्षा,

पुस्तकालय की पाठ्य पुस्तकों का वितरण, टीचर-अभिभावकों की मीटिंग में अभिभावकों की उपस्थिति, स्मार्ट क्लास सहित 12 अलग-अलग अंकों के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है. इसमें शैक्षणिक श्रेणी के 100 अंक निर्धारित किए गए हैं. नामांकन और सामुदायिक सहभागिता के 20-20 अंक तथा आधारभूत सुविधाओं के 10 अंक तय किए गए हैं. इस तरह से कल 150 अंकों में से जिलों को उनके कार्यों के हिसाब से अंक दिए जाते हैं और उसी के आधार पर रैंकिंग तय की जाती है. 

सामूहिक प्रयास से रैंकिंग में प्रथम रहा जिला 

सीकर जिले के समग्र शिक्षा विभाग एडीपीसी राकेश कुमार लता ने बताया कि राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से दिसंबर माह की घोषित रैंक में सीकर प्रथम स्थान पर रहा है. इसके लिए उन्होंने जिले भर के सभी शिक्षकों, प्रधानाचार्य सहित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.

समसा के अधिकारी राकेश लता ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से हमारा जिला रैंकिंग में प्रथम रहा है. उन्होंने कहा सीकर जिला शिक्षा में अग्रणी है. शिक्षा मंत्री और उच्च अधिकारियों की मंशा के अनुसार जिले में जितने भी राज्य सरकार की योजनाएं हैं, उनका संचालन प्रभावी तरीके से हो रहा है.

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