
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री और जोधपुर से लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं हैं. शेखावत का यह बयान भारतीय जनता पार्टी द्वारा उन्हें भी विधानसभा चुनाव में उतारे जाने की अटकलों के बीच आया है. भाजपा ने कांग्रेस शासित राजस्थान में अपने किसी नेता को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में आगे नहीं किया है लेकिन पार्टी की जीत होने पर इस पद के संभावित चेहरों में शेखावत को भी माना जा रहा है.
इस बारे में पूछे जाने पर शेखावत ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं तो किसी भी तरह की दौड़ में नहीं हूं. मैं उतना ही काम करता हूं जितना मेरा नेतृत्व और संगठन मुझे करने के लिए देता है. उसके अतिरिक्त न कोई आकांक्षा न कोई अभिलाषा है.'' उन्होंने कहा कि, 'विधानसभा चुनाव हो जाने दीजिए.. विधायक दल (मुख्यमंत्री) तय करेगा, उसके बाद पार्टी का आलाकमान मुहर लगा देगा.'
शेखावत ने कुछ स्थानीय नेताओं के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खेमे का होने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला है
भाजपा में न गुट है, न खेमा है. सभी भाजपा के कार्यकर्ता हैं : शेखावत
शेखावत ने कहा, 'भाजपा में न गुट है, न खेमा है. सभी भाजपा के कार्यकर्ता हैं. सबमें कौन सबसे उपयुक्त है यह तय करके भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी उसको देता है.'
ERCP पर गहलोत राजनीति कर रहे हैं
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर शेखावत ने कहा, 'गहलोत इस परियोजना को लेकर कभी गंभीर नहीं थे, वह केवल राजनीति करना चाहते हैं.' मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ईआरसीपी को नदी जोड़ो परियोजना के तहत कवर करेगी.
उन्होंने दावा किया, ‘‘गहलोत सरकार हर मोर्चे पर विफल रही. किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए, पेपर लीक ने लाखों युवाओं के सपनों को चकनाचूर कर दिया, अपराध कई गुना बढ़ गया, महिलाओं और दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े और भ्रष्टाचार नई ऊंचाइयों को छू गया.''
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