एक बेहतर जिंदगी की तलाश में एक दशक पहले पाकिस्तान से राजस्थान आए गामूराम (40) और उनके परिवार को नागरिकता व पुनर्वास के इंतजार में रोज संघर्ष का सामना करना पड़ता है, क्योंकि इन मुद्दों का समाधान करने का कांग्रेस का वादा अभी अधूरा ही है और राजस्थान में एक बार फिर चुनाव हो रहा है.
गामूराम जोधपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर गंगना रोड पर भील बस्ती में अस्थायी मकान में अपने परिवार के साथ रहते हैं. ये लोग उन हजारों पाकिस्तानी हिंदू प्रवासियों का हिस्सा हैं, जो एक बेहतर जीवन की आस में पाकिस्तान से विस्थापित होकर जोधपुर शहर में रह रहे हैं. राज्य में जोधपुर में पाकिस्तान से आए सबसे अधिक प्रवासी हैं.
गामूराम ने कहा, करीब 10 साल पहले पाकिस्तान से भारत आया था. उन्होने बताया कि पाकिस्तान में कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन हम बेहतर जिंदगी के लिए यहां आ गए थे. हमारे पास भारतीय नागरिकता नहीं है और न ही मकान के लिए स्थायी जमीन है.
गामूराम के परिवार में हैं एक दर्जन सदस्य
इस मरु प्रदेश में 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन भाजपा सरकार और कांग्रेस ने इस समुदाय के नागरिकता एवं पुनर्वास के मुद्दों का समाधान करने का वादा किया थ, लेकिन अब पांच साल बाद फिर राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहा है, लेकिन गामूराम जैसे प्रवासियों के लिए कुछ खास नहीं बदला और आज भी वो मूलभूत जरूरतों के लिए प्रतिदिन संघर्ष करते हैं.
पिछले 10 साल में बिगड़ी हिंदू विस्थापितों के हालात
गामूराम के दूर के रिश्तेदार तीर्थराम ने कहा, हम भारतीय नागरिकता के लिए मरे नहीं जा रहे हैं, लेकिन हम रहने के लिए जमीन चाहते हैं. हम अस्थायी ढांचों में रहते हैं और पिछले 10 साल में हमारी स्थिति बहुत बिगड़ गई है. उन्होंने आगे कहा, हम मुफ्त जमीन नहीं मांग रहे हैं, लेकिन यदि सरकार स्थायी मकान देती है तो हम किस्तों में भुगतान करने को तैयार हैं.
नए वीजा के लिए उच्चायोग के चक्कर काटने होंगे
खेतों में मजदूरी करने वाले भेराराम ने बताया कि पाकिस्तानी पासपोर्ट खत्म हो गया है और वीजा भी एक महीने में खत्म हो जाएगा, जिसके बाद उन्हें नई दिल्ली में उच्चायोग के चक्कर काटने होंगे. उन्होंने कहा, हमारे परिवार में 11 सदस्य हैं. हम करीब पांच साल पहले आए थे. हमने उसी साल पासपोर्ट बनवाया था. इसलिए पाकिस्तानी पासपोर्ट खत्म हो गया.
ग्यारह पासपोर्ट और वीजा का नवीनीकरण महंगा है
भेरराम ने बताया कि उनका वीजा एक महीने में खत्म हो जाएगा, जिसके लिए हमें दिल्ली के चक्कर काटने होंगे. ग्यारह पासपोर्ट और वीजा का नवीनीकरण महंगा है. यदि सरकार नागरिकता एवं पुनर्वास में हमारी मदद करती है तो यह बहुत बड़ी बात होगी.
संशोधित नागरिकता कानून लाने के लिए जताया था आभार
जनवरी, 2020 में जब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जोधपुर में पाकिस्तानी प्रवासियों से भेंट की थी तब उन्होंने (प्रवासियों ने) नया संशोधित नागरिकता कानून लाने के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट किया था. बाद में, एक रैली में में भाजपा नेता शाह ने संशोधित नागरिकता कानून पर अपनी पार्टी के दृढ़ रुख को दोहराया था और दृढ़ता के साथ कहा था कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर एक इंच भी इधर-उधर नहीं होगी.
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने समाधान करने का किया था वादा
पाकिस्तान से विस्थापित हुए हिंदू प्रवासियों के परिवारों के कल्याण के लिए काम कर रहे सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढा ने कहा, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही पाकिस्तानी प्रवासियों के मुद्दों का समाधान करने का वादा किया था. भाजपा ने एक पंक्ति में वादा किया था, लेकिन कांग्रेस ने थोड़ा अधिक वादा किया था.
अकेले जोधपुर में रह रहे हैं 18,000 पाक विस्थापित हिंदू
उल्लेखनीय है अकेले जोधपुर में 18,000 पाक विस्थापित हिंदू रह रहे हैं जिन्हें अब तक भारतीय नागरिकता नहीं मिली है और वे जिले में तीन-चार इलाकों खासकर गंगना-झांवर रोड पर सूरसागर और मंडोर में बसे हुए हैं. सोढ़ा के मुताबिक चोहटन, बाड़मेर, शिव, जैसलमेर, कोलायत, खाजूवाला व श्रीगंगानगर समेत विभिन्न हिस्सों में 30,000 ऐसे लोग रह रहे हैं.
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