Analysis: राजस्थान चुनाव के लिए टिकट बांटने में भाजपा से पिछड़ी कांग्रेस, निकाले जा रहे कई सियासी मायने

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को भाजपा ने प्रत्याशियों की दूसरी तो कांग्रेस ने पहली लिस्ट जारी की. भाजपा की दूसरी लिस्ट में 83 नाम शामिल हैं. जबकि कांग्रेस ने 33 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है. आज जारी हुई दोनों दलों की लिस्ट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

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मंत्रणा करते राजस्थान कांग्रेस के दो प्रमुख चेहरे सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट.

Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने आज आखिरकार अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी. कांग्रेस की पहली लिस्ट में 33 नाम शामिल हैं. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नाम भी शामिल हैं. खास बात यह है कि पार्टी की पहली लिस्ट में कोई भी नाम चौंकाने वाला नहीं है. ज्यादातर उन्हीं चेहरों को मौका दिया गया है, जिनके बारे में पहले कयास लगाए जाए जा रहे थे. दूसरी ओर शनिवार को जारी भाजपा की दूसरी लिस्ट में 83 नाम शामिल हैं. इसमें वसुंधरा राजे सहित उनके खेमे के कई नेताओं को टिकट दिया गया है. साथ ही भाजपा ने 7 विधायकों के टिकट काट दिए. इससे पहले भाजपा ने 41 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी. 

200 सीटों वाले राजस्थान में भाजपा ने 124 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं. दूसरी ओर कांग्रेस अभी मात्र 33 सीटों पर ही उम्मदीवारों को फाइनल कर सकी है. टिकट बांटने में कांग्रेस अभी भाजपा से पिछड़ती नजर आ रही है. इसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

बैकफुट पर सरकार 

सियासी पंडितों का कहना है कि टिकटों के ऐलान में भाजपा ने कांग्रेस को मात देना शुरू कर दिया. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद टिकट घोषणा में कांग्रेस का पिछड़ना कहीं ना कहीं सरकार को बैकफुट पर धकेल रहा है. विधानसभा चुनाव को लेकर शुरुआत में जिस तरह से कांग्रेस सरकार परम्परा को तोड़कर इस बार प्रदेश में सरकार दोहराने की बाते कर रहे थे और जल्द ही टिकटों को लेकर सूची जारी करने की बाते हो रही थी उसको लेकर माना जा रहा था कि इस बार कांग्रेस इतिहास बना सकती है लेकिन कांग्रेस टिकट घोषणा में ही पिछड़ती नजर आ रही है. 

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कांग्रेस में लंबी कवायद के बाद 33 नाम घोषित

कांग्रेस ने लंबी कवायद के बाद भी भाजपा की दो सूचियां जारी होने के बाद पहली सूची जारी की और वो भी केवल 33 नामों की. इससे जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस में चुनाव में टिकटों को लेकर कितनी कवायद हो रही है. इस लिहाजा से भाजपा ने कांग्रेस से बढ़त बना शुरू कर दिया.

विरोध के बाद भी भाजपा ने घोषित की दूसरी लिस्ट

मालूम हो कि भाजपा ने 9 अक्टूबर को पहली सूची जारी की थी जिसमें 41 नाम शामिल थे. इस लिस्ट में सात सांसद भी विधानसभा के चुनावी मैदान में उतारे गए थे. पहली लिस्ट जारी होने के बाद भाजपा में कई जगहों से बगावत के स्वर भी उठे. लेकिन इसके बाद भी भाजपा ने शनिवार को 83 नामों की दूसरी जारी कर दी. 

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वसुंधरा खेमे को भाजपा ने दिया टिकट

भाजपा की दूसरी सूची में 56 वर्तमान विधायकों को टिकट टिकट दिया है. साथ ही दूसरी सूची में 27 सीटें वो हैं जहा पिछली बार भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. भाजपा ने झालरापाटन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को फिर से टिकट दिया है तो नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को इस बार चूरू की बजाय तारानगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है.

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पहली सूची में जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा से टिकट कटने से नाराज हुए नरपतसिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से मैदान में उतारा है. इसके लिए वर्तमान विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया है. इसके अलावा कुछ दिन पूर्व भाजपा में शामिल हुए उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ को भी नाथद्वारा से टिकट दिया गया है.
 

भाजपा ने दूसरी सूची में कई पूर्व मंत्रियों को भी शामिल किया जिसमें प्रताप सिंह सिंघवी, श्रीचंद कृपलानी, नरपतसिंह राजवी, ओटाराम देवासी, पुष्पेन्द्रसिंह राणावत, अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सरार्फ और राजेन्द्र राठौड़ शामिल हैं. 

अब कांग्रेस को करनी होगी ज्यादा मशक्कत
वहीं कुछ दिनों पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं डॉ. ज्योति मिर्धा को नागौर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है. भाजपा की दूसरी सूची से साफ हो रहा है कि वो कांग्रेस से एक कदम पहले ही आगे निकल चुकी है. 
राजस्थान की राजनीति के जानकार यह कह रहे हैं कि अब कांग्रेस को अपनी दूसरी सूची जारी करने के लिए ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी. क्योकि भाजपा के प्रत्याशियों के नाम सामने आने के बाद कांग्रेस के लिए मुश्किले बढ़ गई है. 

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कांग्रेस ने जहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में चार विधानसभा प्रत्याशी घोषित किए है तो भाजपा ने वहा अभी तक केवल दो नाम ही घोषित किए है. कांग्रेस की पहली सूची से जाहिर हो रहा है कि भाजपा टिकटों में ना केवल कांग्रेस से आगे रही बल्कि मजबूत और आमजनता के बीच रहने वाले लोगो पर भरोसा जताया है.

कांग्रेस के पास जहां अपनी योजनाएं हैं तो भाजपा के उम्मीदवार भी अपने कार्यों को लेकर जनता के बीच जा सकेंगे. इससे मुकाबला कड़ा होता दिखाई दे रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आने वाले दिनों में अपने आप को कैसे कवर अप कर पाती है. 

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