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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने का समय आ गया है. 30 अक्टूबर से नामांकन भरना शुरू हो जाएंगे, लेकिन झालावाड़ जिले की एक भी सीट पर कांग्रेस ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. ऐसे में जहां चुनाव की सरगर्मियां तेज होने का वक्त है, वहीं दूसरी तरफ प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है. सिर्फ भाजपा के ही प्रत्याशी क्षेत्र में घूम रहे हैं, जिन्हें भी अपने ही लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. घोषित किए गए भाजपा प्रत्याशियों के मुकाबले कौन चुनाव लड़ने वाला है यह बात अभी स्पष्ट ही नहीं है. ऐसे में किन मुद्दों पर भाजपा प्रत्याशी प्रचार करें या किन बातों को लेकर विरोधी प्रत्याशी को घेरा इस पर भी कोई नीति नहीं बन पा रही है.
सभी जीते हुए विधायक फिर भी विरोध
जानकारी के लिए आपको बता दें कि झालावाड़ जिले की चार विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से वसुंधरा राजे सिंधिया, डग विधानसभा क्षेत्र से कालूराम मेघवाल, खानपुर विधानसभा क्षेत्र से नरेंद्र नागर एवं मनोहर थाना विधानसभा क्षेत्र से गोविंद रानीपुरिया को प्रत्याशी बनाया है. चारों जीते हुए विधायक हैं, ऐसे में किसी भी जीते हुए विधायक का टिकट नहीं काटा गया है. लेकिन फिर भी वसुंधरा राजे सिंधिया को छोड़कर शेष तीनों सीटों पर विरोध हो रहा है. कले झंडे दिखाए जा रहे हैं, नारेबाजी हो रही है और समर्थक आमने सामने भी हुए हैं. वसुंधरा राजे सिंधिया पांचवीं बार विधायक का चुनाव लड़ने जा रही है तथा लगातार जीती आई है, नरेंद्र नागर तीन बार के विधायक हैं वह चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं, वही गोविंद रानीपुरिया और कालूराम मेघवाल भी एक ही बार चुनाव लड़े हैं और जीते हैं.
कांग्रेसी खेमे में सिर्फ अटकल बाजी
जहां भारतीय जनता पार्टी ने चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, वहीं कांग्रेसी खेमे में सिर्फ अटकल बाजियों का दौर चल रहा है. कहीं भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि कौन सी सीट पर कौन चुनाव लड़ने आ रहा है. अफवाहों का बाजार गर्म है. ऐसे में झालरापाटन सीट से सारा पायलट के चुनाव लड़ने की भी खबर तेजी से फैल रही है.
खानपुर विधानसभा क्षेत्र से भी कांग्रेस ने अपना प्रत्यक्षी घोषित नहीं किया है, जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस के सुरेश गुर्जर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी नरेंद्र नागर से मात्र 2000 के लगभग वोटो से हारे थे. ऐसे में माना जा रहा था कि सुरेश गुर्जर को कांग्रेस फिर मौका देगी और इस बार वह है और कड़ी चुनौती पेश कर पाएंगे.
वहीं मनोहरथाना विधानसभा क्षेत्र से कैलाश मीणा ने प्रबल दावेदारी पेश की है. किंतु वह चार बार चुनाव लड़ चुके हैं और सफलता एक ही बार मिल पाई है. ऐसे में उनके पुत्र ने भी चुनाव लड़ने की प्रबल इच्छा शक्ति जताते हुए दावेदारी पेश की है, लेकिन मनोहर थाना को लेकर भी कोई फैसला नहीं हो पाया है. मनोहर थाना विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास चार पांच और अन्य उम्मीदवार भी है, लेकिन मतदान का समय नजदीक आ जाने पर भी अभी यहां से प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है.
डग विधानसभा क्षेत्र से पिछले पांच चुनाव में कांग्रेस ने मदनलाल वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है जो भी मात्र दो ही बार जीत पाए हैं और उनको तीन बार हार का सामना करना पड़ा. डग विधानसभा क्षेत्र से इस चुनाव में मदनलाल के अतिरिक्त चेतराज गहलोत, देवकीनंदन वर्मा सहित अन्य प्रत्याशी भी कांग्रेस के बैनर पर चुनाव लड़ने की दावेदारी जता रहे हैं.
दावेदारों में बेचैनी और कार्यकर्ताओं में मायूसी
कांग्रेसी टिकट अब तक घोषित नहीं होने के चलते दावेदारों में बेचैनी का माहौल है, जबकि उनके समर्थक कार्यकर्ता मायूस नजर आ रहे हैं. कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे सिंधिया के सामने विधानसभा क्षेत्र से मानवेंद्र सिंह को उतारा गया. उनको सिर्फ 14 दिन का ही समय चुनाव लड़ने के लिए मिला. लेकिन फिर भी उन्होंने काफी अच्छा चुनाव लड़ा और हार जीत का अंतर 33000 वोटो का रहा. कार्यकर्ताओं को कहना है कि प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए समय मिलना चाहिए, ताकि वह ठीक से प्रचार कर सके और क्षेत्र में लोगों से मिलजुल सकें.