Rajasthan Child Marriage: राजस्थान में बाल विवाह का चलन मौजूदा समय में काफी देखा जा रहा है. इसके लिए प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार सख्ती कर रही है. साथ ही जागरुकता अभियान चला रही है. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. जिससे बाल विवाह को रोका जा सके. इसके बावजूद राजस्थान के कई जिलों में बाल विवाह कराए जाने की कोशिश हो रही है. इस बीच राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में 8 बेटियों को बालिका वधू बनने से बचाया गया है.
आठ बेटियों को बालिका वधू बनने से रोकने में भीलवाड़ा जिले में इस बार कामयाबी हासिल हुई है. महिला एंव बाल विकास विभाग के हेल्पलाइन नम्बर महत्वपूर्ण मदद की. पुलिस की सख्ती और प्रशासन की तमाम तैयारियां के बावजूद कई जगह पर नन्हे मुन्ने बच्चों की शादी की तैयारी पूरी कर ली गई थी. मगर हेल्पलाइन नंबर पर मिली सूचना के आधार पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई से आठ बालविवाह रोकने में सफलता हांसिल हुई है.
अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की चलती है परंपरा
जिला बाल संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक मोहमद अशफाक खान ने बताया कि कलक्टर नमित मेहता के निर्देशानुसार और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देशों की अनुपालन में अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिले में जागरूकता अभियान चलाया गया. बाल विवाह की रोकथाम में पंच,सरपंच एवं सभी विभागों की भूमिका के लिए उनसे संपर्क कर बाल विवाह रोकथाम की सूचना पहुचाई गई. इसके परिणामस्वरूप जिले में अक्षय तृतीया के अवसर पर 8 बाल विवाह रुकवाए गए.
हेल्पलाइन नम्बर ने की हेल्प
जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर प्राप्त जिले में विभिन्न बाल विवाह की सूचना पर जिला प्रशासन द्वारा अक्षय तृतीया पर 8 बाल विवाह रुकवाएं गए.
कंहा कितने बाल विवाह रुकवाए
उपखंड अधिकारी आव्हाद निवृत्ति सोमनाथ ने बताया कि बडलियास, पुलिस, प्रतापनगर पुलिस, मंगरोप पुलिस की मदद से 1-1 बाल विवाह रुकवाया गया. मांडलगढ़ तहसीलदार के सहयोग से बरुंधनी में 1, जहाजपुर उपखंड अधिकारी, बाल कल्याण समिति एवं तहसीलदार से संपर्क कर शकरगढ़ पुलिस के सहयोग से 1 एवं पंडेर पुलिस की सहायता से 1, हनुमाननगर पुलिस की सहायता से 1 तथा रायपुर पुलिस के सहयोग से 1 बाल विवाह रुकवाया गया.
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