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Rajasthan Budget Session 2024: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष का हंगामा, BJP बोली- 'जूली को अपना नेता नहीं मान...'

नेता प्रतिपक्ष जब खाद्य विभाग से जुड़े मुद्दे पर बोल रहे थे. इसी दौरान भी विपक्ष के नेताओं ने हंगामा जारी रखा तो सत्ता पक्ष के विधायकों को तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस टीकाराम जूली को अपना नेता नहीं मान रही है.

Rajasthan Budget Session 2024: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ विपक्ष का हंगामा, BJP बोली- 'जूली को अपना नेता नहीं मान...'

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र (Rajasthan Budget Session 2024) के दूसरे दिन भी हंगामा जारी रहा. प्रश्नकाल से सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही जैसे ही शिक्षा विभाग से जुड़े एक सवाल के जवाब देने के लिए मदन दिलावर (Madan Dilawar) खड़े हुए विपक्ष ने आदिवासी DNA का मुद्दा उठाते हुए शिक्षा मंत्री के इस्तीफे (Resignation) की मांग कर डाली. विपक्ष ने आदिवासी डीएनए के मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ने इसके लिए अनुमति नहीं दी.

'आधा घंटे तक स्थगित रही कार्यवाही'

प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे पर लगातार विपक्ष हंगामा करता रहा, जबकि जवाब में सत्ता पक्ष ने भी जवाब देने की कोशिश की. स्पीकर वासुदेव देवनानी ने समझाइश से मामला शांत करवाने का प्रयास किया, लेकिन विपक्ष ने हंगामा जारी रखा. इसके बाद शून्य काल में पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था और फिर कोटा में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. काफी देर तक हंगामा चलने के बाद सदन की कार्रवाई आधे घंटे तक स्थगित की गई. कांग्रेसी विधायक हरिमोहन शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा पर मुकदमे का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार दमदारकारी नीति अपना रही है. कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.

'जूली को अपना नेता नहीं मान रहा विपक्ष'

नेता प्रतिपक्ष जब खाद्य विभाग से जुड़े मुद्दे पर बोल रहे थे. इसी दौरान भी विपक्ष के नेताओं ने हंगामा जारी रखा तो सत्ता पक्ष के विधायकों को तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस टीकाराम जूली को अपना नेता नहीं मान रही है. इसके अलावा सदन में गोशालों के अनुदान के सवाल पर मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होने पर भी विपक्ष ने हंगामा किया. इस मुद्दे पर भी पक्ष-विपक्ष के सदस्य आमने-सामने हो गए. टीकाराम जूली ने स्पीकर पर मंत्रियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्पीकर महोदय मंत्रियों को बचाइए. हमें सवाल का जवाब चाहिए मंत्रियों को जवाब नहीं पता है.

लव मैरिज के लिए पेरेंट्स की सहमति वाला कानून

इसके अलावा सदन में रतनगढ़ से विधायक पुषाराम ने प्रेम विवाह के मामले में विवाह से पहले माता पिता की सहमति अनिवार्य करने लिए कठोर कानून बनाने की मांग की. सदन की कार्यवाही से पहले डॉ किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे के बाद उनके विभाग से जुड़े कामों की जिम्मेदारी दो अन्य मंत्रियों को दी गई. कृषि विभाग का प्रभार मंत्री केके विश्नोई को सौंपा गया है, जबकि आपदा राहत विभाग का प्रभार देवारात ओटासी को सौंपा गया है. ये दोनों मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की अनुपस्थिति में सदन के अंदर उनके विभागों से जुड़े सवालों के जवाब देंगे.

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