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बीजेपी के लिए बड़ी 'अग्नि परीक्षा' राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव, लोकसभा में भाजपा की हार की भरपाई कितना आसान?

हनुमान बेनीवाल पार्टी की आरएलपी और बीएपी ने अपने प्रत्याशी उतारकर मुकाबला और कांटे का बना दिया. ऊपर से रविंद्र भाटी का निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कांग्रेस के साथ बीजेपी के लिए भी टेंशन की बात है.

बीजेपी के लिए बड़ी 'अग्नि परीक्षा' राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव, लोकसभा में भाजपा की हार की भरपाई कितना आसान?
बीजेपी के लिए बड़ी 'अग्नि परीक्षा' राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव

Rajasthan By Election: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस उपचुनाव में अपने दम पर ताल ठोक रही है. वहीं भाजपा ने भी सभी 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. राजस्थान में बीजेपी सरकार के लिए उपचुनाव अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी राजस्थान की सत्ता में आई थी. हालांकि, सत्ता में आने के एक महीने बाद ही भाजपा को करणपुर विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा.

मदन राठौड़ के लिए उपचुनाव पहली परीक्षा

इसके बाद भाजपा को एक और झटका लोकसभा चुनाव में लगा, जब राज्य की 25 में से 11 लोकसभा सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. 2014 के लोकसभा चुनावों में ये सभी सीटें भाजपा के पास थीं. लोकसभा चुनाव के परिणामों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के 'कार्य प्रदर्शन' पर सवालिया निशान लगा दिया जो पहली बार विधायक बने और जिन्हें पार्टी आलाकमान ने वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा जैसे दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री बनाया था. इन उपचुनाव को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए भी पहली परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है. मदन राठौड़ ने लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बीजेपी कमान संभाली है.

रविंद्र भाटी के ऐलान से कांग्रेस-बीजेपी के लिए टेंशन!

राजस्थान की झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूम्बर और रामगढ़ सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है. इनमें से चार कांग्रेस के पास थीं, जबकि सिर्फ एक सीट भाजपा के पास थी. वहीं, भारत आदिवासी पार्टी (BAP) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के पास एक-एक सीट थी. लोकसभा चुनाव में 25 में से 11 सीटें हारने वाली बीजेपी के लिए कांग्रेस के कब्जे वाली सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज करना बड़ी चुनौती होगी.

उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल पार्टी की आरएलपी और बीएपी ने अपने प्रत्याशी उतारकर मुकाबलों को और कांटे का बना दिया है. प्रदेश की चौरासी और सलूंबर विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है. 

काम के भरोसे भजनलाल को जीत की उम्मीद

उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और दूसरे पार्टी नेताओं ने कई रैलियों को संबोधित करते हुए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किए गए काम की चर्चा की. सीएम भजनलाल अपने काम के भरोसे उपचुनाव में बीजेपी जीत की उम्मीद लगाए हैं. खींवसर की एक रैली में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के 10 महीने के भीतर अपने 50 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे कर दिए हैं. कांग्रेस लूट और झूठ की पार्टी है. इसने अपने किसी भी चुनावी वादे को पूरा नहीं किया, जबकि हमने महज 10 महीने में चुनाव घोषणापत्र में किए गए 50 फीसदी वादों को पूरा कर दिया है. सीएम भजनलाल ने कहा कि भाजपा सरकार ने पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की और 200 से अधिक आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.

डोटासरा का कांग्रेस की जीत का दावा

दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राज्य के लोग भाजपा से तंग आ चुके हैं और राज्य में सत्ता के कई केंद्र हैं. कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे के बाद पिछले तीन महीने से मुख्यमंत्री और मीणा के बीच संवाद नहीं है. डोटासरा ने कहा कि भाजपा को बिजली, पानी, किसानों को खाद उपलब्ध कराने और लोगों के लिए सड़कें बनाने की चिंता नहीं है.आज भाजपा सरकार ईआरसीपी की बात कर रही है, जबकि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के वादे के बावजूद इस परियोजना को पांच साल तक लटकाए रखा. उस समय कांग्रेस सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके इस परियोजना पर काम करवाया था. डोटासरा ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस उपचुनाव वाली सभी सात सीटों पर जीत दर्ज करेगी.

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