Rajasthan By Election: राजस्थान में विधानसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए हुए मतदान के साथ कुल 69 उम्मीदवार की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. अब 23 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे. प्रदेश की दौसा, झुंझुनूं, देवली उनियारा, रामगढ़, खींवसर, सलूंबर और चौरासी में उपचुनाव के लिए सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हुई थी, जो 6 बजे तक चली. हालांकि कई बूथों पर शाम 6 बजे के बाद भी वोटिंग हुई. नियमानुसार वोटिंग बंद होने तक कतार में जो वोटर खड़े थे, उन्होंने 6 बजे के बाद भी वोटिंग की. देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा का एसडीएम को थप्पड़ का मारने का मुद्दा दिनभर चर्चा में रहा. इसके अलावा एक आध घटनाओं को छोड़कर अन्य सभी जगह शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ.
खींवसर वोटिंग में सबसे आगे
इस उपचुनाव को लेकर बड़ी बात रही कि प्रदेश की 7 में से 6 सीटों पर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम मतदान हुआ है. प्रदेश की खींवसर में सबसे ज्यादा 75.66 प्रतिशत वोट डाले गए हैं, जबकि पिछले साल विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 73.49 फीसदी था. वहीं, लोकसभा चुनाव में खींवसर सीट पर 58.82 फीसदी वोटिंग हुई थी.
खींवसर के बाद चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में सबसे ज्यादा 71.75 फीसदी वोटिंग हुई है, जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 81.76 प्रतिशत वोट डाले गए थे. वहीं, लोकसभा चुनाव में 71.03 फीसदी वोटिंग हुई थी. इसके अलावा सबसे ज्यादा वोटिंग के मामले में तीसरे नंबर पर अलवर की रामगढ़ सीट रही, जहां पर 75.27 प्रतिशत वोटिंग हुई. वहीं, इस सीट पर विधानसभा चुनाव में 77.42 प्रतिशत वोट डाले गए थे.
सातों सीट पर कितने प्रतिशत मतदान
विधानसभा सीट का नाम | उपचुनाव में मतदान (प्रतिशत) | 2023 विधानसभा चुनाव (मतदान) | लोकसभा चुनाव 2024 (मतदान) |
झुंझुनूं | 66.14 | 71.17 | 57.69 |
चौरासी | 71.75 | 81.76 | 71.03 |
दौसा | 62.3 | 74.20 | 60.16 |
खींवसर | 75.66 | 73.49 | 58.82 |
सलूंबर | 67.88 | 71.58 | 62.88 |
देवली उनियारा | 65.01 | 73.57 | 59.69 |
रामगढ़ | 75.27 | 77.42 | 60.51 |
दौसा में सबसे कम मतदान
उपचुनाव में 7 विधानसभा सीटों पर सबसे कम मतदान दौसा सीट पर हुआ. दौसा में कुल 62.3 फीसदी वोट डाले गए, जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 74.20 फीसदी वोटिंग हुई थी.
बता दें कि खींवसर, चौरासी, सलूंबर, झुंझुनू और देवली उनियारा विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. जबकि दौसा और रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. जिन सात सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें 4 सीट कांग्रेस के पास थी, जबकि एक-एक सीट बीजेपी, बीएपी और आरएलपी के कब्जे में थी.