Rajasthan politics: टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पायलट का गढ़ है. टोंक दौरे पर पहुंचे सचिन पायलट ने पांचों विधानसभा सीट पर कांग्रेस की जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा पांचों विधानसभा सीट हारेगी. इस पर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी ने कहा कि पायलट मुंगेरी लाल के सपने न देखें.
पायलट का दावा-पांचों सीट जीतेगी कांग्रेस
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि पिछले 8 महीनों में प्रदेश सरकार जनता को राहत देने में नाकाम रही है. हम अच्छे और जिताऊ उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे. उन्होंने कहा कि टिकट देना पार्टी का काम है. लेकिन, मैं दावा करता हूं कि बीजेपी हारेगी और कांग्रेस जीतेगी.
"पायलट पर्यटक की तरह आते हैं टोंक"
बीजेपी जिलाध्यक्ष अजित सिंह मेहता ने कहा कि पायलट पर्यटक की तरह आते हैं और पर्यटन करके चले जाते हैं. पिछले पांच सालों में टोंक ही नहीं देवली-उनियारा की स्थिति किसी से छिपी नहीं है, इस बार जीत बीजेपी प्रत्याशी की होगी.
कांग्रेस से इन्हें मिल सकता है टिकट
देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस से 5 नामों की चर्चा है. पूर्व विधायक राम नारायण मीणा, जो 2008 से 2013 तक इसी सीट से विधायक रह चुके हैं. वह विधानसभा उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. धीरज गुर्जर का नाम भी चल रहा है, इन्हें प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है. नरेश मीणा, हनुमंत मीणा और रामसिंह मीणा के नाम की चर्चा है.
बीजेपी के संभावित उम्मीदवार
देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर 6 लोग टिकट की दौड़ में हैं. राजेंद्र गुर्जर, विजय बैंसला, अलका सिंह गुर्जर, विक्रम सिंह गुर्जर, सीताराम पोसवाल और प्रभुलाल सैनी टिकट की दौड़ में शामिल हैं. राजेंद्र गुर्जर 2013 से 2018 तक इस सीट से विधायक रह चुके हैं.
दोनो दलों ने कमेटियों का किया गठन
उपचुनाव को लेकर देवली-उनियारा सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा ने कमेटियों का गठन किया. कांग्रेस की कमेटी में सांसद हरीश मीणा, प्रशांत शर्मा विधायक, विकास चौधरी विधायक, हरि प्रसाद बैरवा जिला अध्यक्ष सहित चार सदस्य हैं. बीजेपी ने राजेन्द्र राठौड़, हीरालाल नागर, जितेंद्र गोठवाल और ओमप्रकाश भड़ाना की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.
देवली-उनियारा में कुल मतदाता
- लगभग 3 लाख 1 हजार 575 मतदाता देवली उनियारा विधानसभा सीट पर हैं
जातिगत मतदाता
- एसटी-मीणा - लगभग 65 हजार से 63 हजार के बीच
- अनुसूचित जाति - बैरवा, रेगर, खटीक, कोली, हरिजन और अन्य जाति-लगभग 57 हजार से 61 हजार के बीच
- गुर्जर - लगभग 54 हजार से 57 हजार के बीच
- माली - लगभग 11 हजार से 12 हजार के बीच
- ब्राह्मण - लगभग 14 हजार से 15 हजार के बीच
- जाट - लगभग 14 हजार से 15 हजार के बीच
- वैश्य-महाजन - लगभग 8 हजार
- राजपूत - लगभग 4 हजार
- मुस्लिम - लगभग 14 हजार वोट
- अन्य जातियों के वोट- लगभग 55 हजार से 58 हजार के बीच
जातिगत आधार पर लड़ा जाता है चुनाव
इस क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नजर नहीं आता. जातिगत आधार पर ही चुनाव लड़ा जाता है. भाजपा गुर्जर पर दांव खेलती है. कांग्रेस मीणा जाति पर दाव खेलती रही है. इस सीट पर निर्दलीय और अन्य पार्टियों का कोई खास प्रभाव नहीं है. सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बागी उम्मीदवार चुनाव प्रभावित करते हैं.