
Rajasthan Politics: हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद समीक्षा बैठकों का दौर शुरू हो गया है. अब राजस्थान में भी विधानसभा उपचुनाव होना है तो सियासी गहम-गहमी शुरू हो गई है. हालांकि अशोक गहलोत का मानना है कि राजस्थान उपचुनाव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों को अप्रत्याशित बताते हुए शुक्रवार (11 अक्टूबर) को कहा कि पार्टी की एक समिति द्वारा समीक्षा करने के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चलेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि इसका असर राजस्थान में कुछ सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर नहीं होगा.
गहलोत ने यहां हवाई अड्डे पर एक सवाल के जवाब में कहा, 'हरियाणा के चुनाव के परिणाम बड़े अप्रत्याशित रहे. पूरा देश, पूरा प्रदेश, प्रदेशवासी और कार्यकर्ता, मीडिया, ‘एक्जिट पोल' सब कांग्रेस की जीत के बारे में बता रहे थे (अनुमान लगा रहे थे) लेकिन अचानक ही परिणाम बिल्कुल उल्टे आ गये.'
तीन-चार मुद्दे सब के पास लेकिन वास्तविक स्थिति जांच के बाद ही
अशोक गहलोत ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे साहब और राहुल गांधी जी ने बैठक बुलाई, बातचीत की.. आखिर में चिंतन-मनन करने के बाद तय हुआ कि तह में जाना चाहिए कि वास्तविकता में हुआ क्या है. तो वे एक टीम बनायेंगे. टीम सबसे बातचीत करेगी.' गहलोत ने कहा, 'जब कोई पार्टी चुनाव हारती है तो चर्चा होती है कि पार्टी में गुटबाजी थी या जातीय समीकरण बदल गये या अति आत्मविश्वास हो गया… यही तीन-चार मुद्दे होते हैं… लेकिन वास्तविक स्थिति क्या है, मैं समझता हूं कि जब जांच होगी तब वह मालूम हो जाएगा.'
कांग्रेस द्वारा हरियाणा में 'गठबंधन' नहीं किए जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा, मैं समझता हूं कि जब समिति बनाकर जांच करने फैसला हो गया है तो उसका इंतजार करना चाहिए.
स्थानीय चुनाव है राजस्थान में असर नहीं दिखेगा
राजस्थान में सात विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम के इस पर असर के बारे में गहलोत ने कहा, 'देखिये यह स्थानीय चुनाव है… यहां के चुनाव हैं. इसमें कोई असर देखने को नहीं मिलेगा. लेकिन जो भी पार्टी हारती है तो कार्यकर्ताओं में थोड़ा बहुत तो फर्क पड़ता ही है. यह हमें स्वीकार करना चाहिए.
हरियाणा चुनाव में जातीय समीकरणों के सवाल पर भी उन्होंने कहा, ‘‘मेरा जवाब यही है कि कल समीक्षा बैठक हुई, उसके बाद जो फैसले हुए हैं उसका इंतजार करना चाहिए.''
राजस्थान में भाजपा सरकार द्वारा पिछली अशोक गहलोत सरकार के कई फैसलों की समीक्षा किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे योजनाएं बंद नहीं की जानी चाहिए… हमारी योजनाएं इतनी शानदार थीं कि मुझे कहते हुए गर्व है कि हमारी योजनाओं को अन्य राज्यों में अपनाया जा रहा है. वैसी योजनाओं को बंद करने से इनको भी नुकसान है और जनता को भी तकलीफ हो रही है . उन्हें बंद करने का कोई तुक नहीं है.''
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