Rajasthan News: राजस्थान में कोटा की एक विशेष अदालत ने बुधवार को मस्जिद में बच्चों को अरबी भाषा सिखाने वाले एक व्यक्ति को 10 वर्षीय लड़के के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. लोक अभियोजक ललित कुमार शर्मा के अनुसार, अदालत ने हरियाणा के पलवल जिले के निवासी 23 वर्षीय दोषी नसीम खान पर 21,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
कोर्ट ने अपने फैसले में लिखी कविता
विशिष्ट लोक अभियोजक ललित कुमार शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने 14 दिन में जांच पूरी करके कोर्ट में चालान पेश किया था. कोर्ट में 11 गवाहों के बयान करवाए गए और 24 दस्तावेज पेश किए गए. सुनवाई के दौरान आरोपी को फांसी देने की मांग की गई. जिसपर कोर्ट ने कहा कि फांसी देने से आरोपी पश्चाताप नहीं कर पाएगा. जिंदगी भर सलाखों के पीछे रहने पर वो दिन प्रतिदिन अपने पापों का प्रायश्चित करेगा. घटना के चार महीने और 20 दिन बाद सजा हुई. धर्म गुरु होते हुए भी पवित्र स्थान पर गलत काम करने पर कोर्ट ने अपने फैसले में मासूम के लिए संवेदना प्रकट करते हुए एक कविता भी लिखी है. न्यायाधीश दीपक दुबे द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद दोषी मौलवी नसीम खान अपना चेहरा छिपाता रहा.
22 अक्टूबर को दर्ज हुई थी शिकायत
इस मामले में 22 अक्टूबर 2023 को मासूम के चाचा ने बूढ़ादित थाने में शिकायत दी थी कि पिता की मौत के बाद से ही 10 साल का मासूम भतीजा उसके साथ रहता है. 5वीं कक्षा में पढ़ता है. 22 अक्टूबर को शाम 4 बजे वो रोता हुआ घर आया. उसने बताया कि मस्जिद में मौलवी के पास अरबी पढ़ने गया था. वहां मौलवी नसीम खान ने उसे थोड़ी देर पढ़ाया, फिर मस्जिद के कमरे में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया. किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी. शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी मौलवी को गिरफ्तार किया.
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