Rajasthan News: राजस्थान के पाली जिले में राष्ट्रीय पशुपालक संघ और घुमंतु और विमुक्त जनजाति (डीएनटी) समाज के लोगों का विरोध प्रदर्शन शनिवार को समाप्त हो गया है. बंद कमरे में करीब दो घंटे तक चली वार्ता के बाद विभिन्न मांगों पर सहमति बनी. इसके बाद महापड़ाव खत्म के साथ नेशनल हाईवे 162 पर करीब 30 घंटे बाद फिर से यातायात धीरे-धीरे सुचारू होने लगा है. महापड़ाव की समाप्ति की घोषणा के बाद रबारी ,राईका ओर कालबेलिया समाज के लोग अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं.
हाईवे पर लग गया 10 किमी का जाम
जानकारी के अनुसार, लगातार दो दिन तक चले महापड़ाव के कारण बालराई गांव के पास पिंडवाड़ा-ब्यावर राजमार्ग (NH 162) पर लगभग 10 किलोमीटर तक जाम लग गया था. बता दें कि महापड़ाव में मौजूद समुदाय अपने लिए अलग मंत्रालय, आवासीय भूमि के लिए पट्टा देने, बच्चों की शिक्षा के लिए अलग बजट आवंटित करने, पंचायत और स्थानीय निकायों में आरक्षण और शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे थे.
महापड़ाव का नेतृत्व कर रहे डीएनटी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय पशुपालक समिति के प्रमुख लाल सिंह देवासी ने कहा कि अगर सरकार बातचीत शुरू नहीं करती है तो यह प्रदर्शन, राज्य में गुर्जर और किसान आंदोलन का दूसरा रूप ले लेगा. शुक्रवार को यह विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हुआ और हजारों लोगों की भीड़ ने सड़क जाम करने की कोशिश की तो पुलिस से भिड़ंत हो गई. बालराई गांव के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर दोपहर के समय प्रदर्शनकारियों ने सड़क रोकने का प्रयास किया.
झड़प में एक दर्जन लोग जख्मी
पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो भीड़ ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. जवाब में पुलिस ने लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले दागे. इस टकराव में एक पुलिसकर्मी समेत करीब दर्जन भर लोग जख्मी हो गए. कई गाड़ियों के कांच चकनाचूर हो गए. विरोध प्रदर्शन और महापड़ाव के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग 162 पर आवागमन करीब 30 घंटे तक बंद रहा.
शनिवार को राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने संघर्ष समिति के सदस्यों से फोन पर बात की. उसके बाद जोधपुर से संभागीय आयुक्त डॉक्टर प्रतिभा सिंह ओर आईजी राजेश मीणा के साथ पाली कलेक्टर एलएन मंत्री बालराई पहुंचे. पंचायत भवन के बंद कमरे में करीब दो घंटे वार्ता के बाद महापड़ाव को समाप्त करने की घोषणा की गई.
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