राजस्थान: SI भर्ती 2021 पर सब-कमेटी की बैठक में तय हुआ भविष्य का खाका, सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

मीटिंग के बाद जोगाराम पटेल ने कहा, 'यह सरकार तय करेगी कि कोर्ट में क्या जवाब देना है. हमारा काम सुझाव और तथ्य देना है.'

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मंत्री जोगाराम पटेल ने कैबिनेट सब-कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता की.

Rajasthan News: बहुचर्चित राजस्थान पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2021 को लेकर मंगलवार दोपहर राज्य सचिवालय में कैबिनेट सब-कमेटी की अहम बैठक आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता मंत्री जोगाराम पटेल ने की, जबकि अन्य सदस्य भी मौजूद रहे. बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देशानुसार भर्ती पर राज्य सरकार का अंतिम रुख तय करना था. बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कमेटी की रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंपी जाएगी. यदि जरूरत पड़ी तो एक और बैठक बुलाई जा सकती है, अन्यथा मौजूदा निष्कर्षों के आधार पर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी. 

'हमारा काम सुझाव और तथ्य देना'

जब उनसे कोर्ट में जवाब देने को लेकर पूछा गया, तो पटेल ने कहा यह सरकार तय करेगी कि कोर्ट में क्या जवाब देना है. हमारा काम सुझाव और तथ्य देना है. राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में 26 मई तक सरकार को जवाब देने का आदेश दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि अगर सरकार तय समय में निर्णय नहीं लेती, तो भर्ती प्रक्रिया में शामिल लोगों को परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इस भर्ती को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी कम नहीं है. सांसद हनुमान बेनीवाल इस भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं, जबकि राज्य के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर चुके हैं.

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कर्मचारी संगठन ने की यथावत रखने की मांग

इस बैठक से पहले अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के बैनर तले चयनित अभ्यर्थियों के परिजनों और संगठन पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की है कि SI भर्ती को निरस्त करने की बजाय यथावत रखा जाए. उनका कहना है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो, लेकिन ईमानदारी से चयनित अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए. अभ्यर्थियों ने तर्क दिए कि भर्ती में 7.97 लाख आवेदन मिले थे, लेकिन परीक्षा में केवल 3.83 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. इनमें से सिर्फ 20,359 उम्मीदवार फिजिकल टेस्ट में सफल हुए. अंततः 859 पदों पर चयन हुआ, जिनमें से 436 अभ्यर्थी पहले से सरकारी सेवाओं में थे. 236 ने तो प्रोबेशन पीरियड में ही वर्तमान नौकरी छोड़ दी, जबकि 135 अभ्यर्थी दो या अधिक चयन होने के बावजूद SI पद को चुना.

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