
Gangaur Festival: राजस्थान में सोमवार को गणगौर महोत्सव की धूम देखने मिली. जयपुर, जोधपुर, उदयपुर समेत पूरे प्रदेश में गणगौर की सवारी निकली. जयपुर में हाथी, ऊंट और घोड़ों के साथ गणगौर की शाही सवारी निकाली गई है, जो काफी आकर्षण का केंद्र रही. गणगौर की शाही सवारी में बड़ी संख्या में लोग उमड़े और कलाकारों के साथ कस्बे के लोग भी जमकर नाचे.

शाहपुरा में रानी रत्ना कुमारी फाउंडेशन ट्रस्ट और पर्यटन विभाग की ओर से शाही लवाजमे के साथ गणगौर की सवारी निकाली गई.


उदयपुर में गणगौर की लोगों ने निकाली सवारी

जोधपुर में गणगौर माता की सवारी अपने ससुराल से पीहर पहुंची. इस दौरान गणगौर माता का साढ़े तीन किलो सोने के आभूषण से श्रंगार किया गया. वहीं गवर माता को डेढ़ लाख की बरी यानी पोशाक पहनाई गई.


जयपुर में सिटी पैलेस से हाथ, ऊंट और घोड़ों पर गणगौर की शाही सवारी निकाली.


उदयपुर में गणगौर की सवार नाव पर निकाली गई

जयपुर में गणगौर महोत्सव पर रानी रत्ना कुमारी ने महिलाओं के साथ नृत्य किया.


रानी रत्ना कुमारी ने बताया कि हमने राजस्थान की परंपरा और संस्कृति को देश-विदेश में फैलाने के उद्देश्य से इस महोत्सव की शुरुआत की थी.


भरतपुर में गणगौर की सवारी निकाली गई. इस दौरान भगवान शंकर और पार्वती के रूप में गौर-ईसर की पूजा की गई.

राजस्थान में गणगौर-सुखी दाम्पत्य जीवन के साथ सुहाग का पर्व भी माना जाता है. होली के दूसरे दिन से 16 दिनों तक लड़कियां पूजा करती है. विवाहिता शादी के प्रथम वर्ष पीहर में गणगौर की पूजा करती हैं.