
राजस्थान के जोधपुर शहर में आज, 25 सितंबर को स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का लोकार्पण हो रहा है. मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव 10 दिन से चल रहा है जो आज समाप्त हो जाएगा. मंदिर में आज सुबह 7 बजे से प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान हो रहा है. मंदिर का लोकार्पण शाम 5 बजे होगा जिसमें कई गणमान्य अतिथि हिस्सा लेंगे. आइए जानते हैं जोधपुर के स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के बारे में 10 मुख्य बातें.
- जोधपुर का स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर देश का तीसरा ऐसा मंदिर है. भारत में गांधीनगर और दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर हैं.
- यह दुनिया का पांचवां अक्षरधाम मंदिर है. भारत के गांधीनगर और दिल्ली के मंदिरों के अलावा विदेश में ऐसे दो अक्षरधाम मंदिर हैं. एक स्वामीनारायण ब्रिटेन की राजधानी लंदन में है. विदेश में दूसरा मंदिर खाड़ी के देश अबू धाबी में है.
- जोधपुर का अक्षरधाम मंदिर शहर के सूरसागर स्थित कालीबेरी क्षेत्र में बना है.
- मंदिर के निर्माण में 7 साल लगे. मंदिर को 500 शिल्पकारों ने तैयार किया है. ये शिल्पकार पिंडवाड़ा, सागवाड़ा, भरतपुर, जोधपुर, जयपुर तथा अन्य क्षेत्रों से हैं.
- मंदिर 42 बीघा में फैला है. इसमें 10 बीघा ज़मीन बाग की है जिसमें 500 पेड़ और 5500 पौधे लगे हैं.
- मंदिर पूरी तरह से जोधपुर के पत्थरों से बना है. इसमें 1,11,111 क्यूबिक फीट के बलुआ पत्थर और संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है.
- मंदिर में धातु, सीमेंट या गारे के बिना एक इंटरलॉकिंग पत्थर प्रणाली का उपयोग किया गया है.
- मंदिर की जगती 11,551 वर्ग फीट और अभिषेक मंडल 11,551 वर्ग फीट है. इसमें 5 शिखर, एक विशाल गुंबद और 14 छोटे गुंबद हैं.
- मुख्य मंदिर 191 फीट लंबा, 181 फीट चौड़ा और 111 फीट ऊँचा है. मंदिर की चारदीवारी 1100 फीट की है. इसमें प्राकृतिक रूप से वातानुकूलन के लिए पत्थर की जालीदार दीवारें बनी हैं.
- मंदिर नागर शैली में बना है जो 10वीं और 13वीं शताब्दी के बीच राजस्थान और गुजरात की प्रचलित वास्तुकला है. यह शैली मारू-गुर्जर या सोलंकी शैली के रूप में विकसित हुई.
मंदिर का Video देखें-:
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