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Rajasthan CM Oath Ceremony: राजस्थान को 20 साल बाद मिले दो डिप्टी सीएम, राज्यपाल ने दिलाई दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को शपथ

Rajasthan CM Oath Ceremony: राजस्थान में शुक्रवार सुबह करीब 12 बजे जयपुर में शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ. सबसे पहले भजनलाल शर्मा ने सीएम पद की शपथ ली. उनके बाद दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने मंत्रिमंडल सदस्य के तौर पर शपथ ली.

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Rajasthan CM Oath Ceremony: राजस्थान को 20 साल बाद मिले दो डिप्टी सीएम, राज्यपाल ने दिलाई दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को शपथ
दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा.

Rajasthan News: राजस्थान की सत्ता में 5 साल बाद पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को नई सरकार का गठन कर लिया है. जयपुर में राम निवास बाग स्थित एल्बर्ट हॉल के सामने राज्यपाल कलराज मिश्र ने भजनलाल शर्मा को सीएम पद की शपथ दिलाई. उनके साथ दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने भी मंत्रिमंडल सदस्य की शपथ ली. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौके पर मौजूद रहे. ऐसा 20 साल बाद है जब राजस्थान को दो डिप्टी सीएम मिले हों. 

पालीवाल थे राजस्थान के पहले डिप्टी सीएम

राजस्थान में पहली बार उप-मुख्यमंत्री देश में चुनाव के समय ही बने थे. 1952 में हुए पहले चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास बने. तब महवा से विधायक टीकाराम पालीवाल प्रदेश के पहले उप-मुख्यमंत्री बने. उसके बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा जीती और भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने, जिसके 1 साल बाद रतनगढ़ से विधायक रहे हरिशंकर भाभरा 6 अक्टूबर 1994 को प्रदेश के दूसरे उप-मुख्यमंत्री बनाए गए. उनका कार्यकाल 4 साल 54 दिन रहा. फिर 1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी. अशोक गहलोत पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद साल 2003 के दिसंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने थे और पार्टी ने चुनावी साल के जनवरी महीने में बनवारी लाल बैरवा और कमला बेनीवाल को डिप्टी सीएम बनाया गया था. यह पहली बार था जब प्रदेश में दो उप-मुख्यमंत्री बनाए गए थे. इसके पंद्रह साल बाद 2018 में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार आई और मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत और उनके डिप्टी के तौर पर सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया. हालांकि उनका कार्यकाल डेढ़ साल के करीब रहा. 

संविधान में नहीं डिप्टी सीएम जैसा कोई पद

भारत के संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 राज्य में मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद की नियुक्ति की जानकारी देते हैं. संविधान के अनुच्छेद 163(1) में कहा गया है कि, 'राज्यपाल को उसके कार्यों के निष्पादन में सहायता और सलाह देने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिपरिषद होगी.' संविधान में कहीं भी उप-मुख्यमंत्री का जिक्र नहीं है. इसका मतलब यह है कि संविधान के हिसाब से उप-मुख्यमंत्री कोई पद ही नहीं है, बल्कि इसे सरकारों ने राजनीतिक सुलभता के लिए बना लिया है. उप-मुख्यमंत्री एक कैबिनेट मंत्री के तौर पर ही शपथ लेता है. संविधान की नजर में वो एक मंत्री है.

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