
Rajasthan: देवली-उनियारा के समरावता में हिंसा के बाद ग्रामीणों के खिलाफ हुई कार्रवाई की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. सरकार ने इस मामले की जांच को लेकर कोर्ट को जानकारी दी. कोर्ट में पक्ष रखा. सरकार ने बताया कि मामल की जांच डीएसपी रघुवीर सिंह कर रहे थे. अब इसकी जांच एडिशनल एसपी मोटाराम बेनीवाल को सौंप दी है. सरकार के जवाब का याचिकाकर्ता ने विरोध किया और सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया.
CBI से जांच करवाने का आग्रह
याचिकाकर्ता की मांग पर जस्टिस वीके भारवानी ने कहा कि इस संबंध में सरकार का जवाब आने दें. कोर्ट ने मामले की सुनवाई टाल दी. प्रार्थियों ने अधिवक्ता राजेश गोस्वामी और मुकेश मीणा के जरिए दायर याचिका में मामले की जांच हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग और सीबीआई से करवाने का आग्रह किया है. पिछली सुनवाई पर सरकार ने कहा था कि कुछ आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया है, कुछ के खिलाफ पेंडिंग है.
समरवता में हुई थी हिंसा
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मतदान के दौरान समरावता गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया था. निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे. इस दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था. नरेशा मीणा पोलिंग बूथ पर आए और एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया. इसका वीडियो भी सामने आया था.
कई गाड़ियों में लगा दी थी आग
एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद नरेश मीणा वापस जाकर धरने पर बैठ गए थे. इसके बाद प्रदर्शनकारियों की गाड़ी रोकने को लेकर विवाद हो गया था. पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था. मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए थे. सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी नरेश मीणा को पुलिस की हिरासत से छुड़ाकर ले गए थे. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. ग्रामीणों पर भी पथराव का आरोप लगाया था. घटना के दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने अगले दिन नरेश मीणा को गिरफ्तार किया था. ग्रामीणों पर भी पुलिस ने कार्रवाई की थी.
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