Jaipur Road Accident: राजस्थान की राजधानी जयपुर के हरमाड़ा में बीते 3 नवंबर को एक डंपर ने सड़क पर कोहराम मचा दिया था. डंपर ने दर्जनों लोगों को कुचल दिया जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई. जबकि 23 लोग घायल हुए. इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया था. हालांकि राज्य सरकार की ओर से किसी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं किया गया. अब मृतक के परिजन मुआवजे की मांग कर रहे हैं. बता दें जोधपुर में हुए सरक हादसे में सरकार ने 10-10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया था. जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी.
सरकार ने अब तक मृतक के परिजन और घायलों के लिए किसी तरह के मुआवजे का ऐलान नहीं किया है. वहीं यह भी मामला सामने आया है कि जिस युवक की मौत हुई है वह बड़ी कंपनी में काम करता था और कंपनी भी किसी तरह की मुआवजे का ऐलान नहीं कर रही है.
कंपनी देती है दुर्घटना पर मुआवजा
जयपुर डंपर कांड में विनोद मालपानी की मौत हुई है. परिजनों ने बताया कि विनोद मालपानी निजी डिलीवरी कंपनी ‘डील शेयर' में कार्यरत थे. हादसे के बाद कंपनी की ओर से अब तक किसी भी प्रकार का मुआवजा या सहायता राशि नहीं दी गई है. जबकि परिजनों का कहना है कि अन्य कंपनियां अपने कर्मचारियों की दुर्घटनाओं की स्थिति में कम से कम 10 लाख रुपए तक का मुआवजा देती हैं.
10 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी की मांग
परिजनों ने आरोप लगाया कि कंपनी प्रबंधन और प्रशासन दोनों ही मुआवजे का ऐलान नहीं कर रहे हैं. इस कारण उन्होंने लोहा मंडी स्थल पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. मृतक के परिवार की मांग है कि उन्हें कम से कम 10 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान की जाए.
इधर, पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि धरना समाप्त कराया जा सके. लेकिन परिजन तब तक आंदोलन जारी रखने पर अड़े हैं, जब तक उन्हें उचित मुआवजे का भरोसा नहीं दिया जाता. स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी मृतक परिवार के समर्थन में आवाज उठाई है और प्रशासन से शीघ्र न्यायसंगत समाधान की मांग की है.
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