राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 5 लाख से 12 लाख पहुंचे नामांकन, मंत्री दिलावर ने बताया बेहतर परिणाम का नतीजा

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में इस साल नामांकन दोगुना से अधिक बढ़ा, 5 लाख से 12.27 लाख तक पहुंचा. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इसे शिक्षा विभाग की मेहनत, नए नियमों और बेहतर परीक्षा परिणामों का नतीजा बताया है. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
राजस्थान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर.

Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन इस साल दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया है. जिसमें पिछले साल जहां करीब 5 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया था, वहीं इस साल यह संख्या बढ़कर 12 लाख 27 हजार हो गई है. यह उपलब्धि शिक्षा विभाग की मेहनत और नए बदलावों का नतीजा है. 

लोगों का बढ़ा भरोसा 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण है स्कूलों के शानदार परीक्षा परिणाम. उदाहरण के लिए, कोटा में 265 बच्चों ने 93% से ज्यादा अंक हासिल किए. इनमें से 112 बच्चे निजी स्कूलों के थे, जबकि 152 बच्चे सरकारी स्कूलों के यानी सरकारी स्कूलों के बच्चों ने निजी स्कूलों की तुलना में डेढ़ गुना बेहतर प्रदर्शन किया. इस तरह के नतीजों ने अभिभावकों का सरकारी स्कूलों की ओर रुझान बढ़ाया है. 

शिक्षा विभाग की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार

मदन दिलावर ने बताया कि भारत सरकार के सर्वे के अनुसार, राजस्थान का शिक्षा विभाग पहले 13वें स्थान पर था, लेकिन अब यह तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.बेहतर प्रबंधन और अधिकारियों की मेहनत ने इस बदलाव को संभव बनाया. शिक्षा विभाग ने स्कूलों में अनुशासन और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए, जिसका असर अब साफ दिख रहा है. 

नए नियम और नवाचार बने गेम-चेंजर

शिक्षा विभाग ने कई नए नियम लागू किए. शिक्षकों को स्कूल में मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई. साथ ही, स्कूल समय में केवल पढ़ाई से जुड़ी गतिविधियों को अनुमति दी गई. पहले कुछ शिक्षक पूजा या नमाज के नाम पर स्कूल से गायब हो जाते थे, लेकिन अब सख्त निर्देश हैं कि धार्मिक गतिविधियां स्कूल के समय से पहले या बाद में ही होंगी. इसके अलावा, खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों के ट्रांसफर की चेतावनी ने भी शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर किया. 

Advertisement

यह भी पढ़ें- राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव की बहाली की मांग ने पकड़ा जोर, पूर्व सीएम गहलोत ने उठाई आवाज