Rajasthan: पहले लगती थी अलग बोगी, राजस्थान के नए राज्यपाल आम लोगों के साथ ट्रेन में करेंगे सफर; जयपुर से जाएंगे बाड़मेर 

दरअसल राज्यपाल का 10 तारीख को बाड़मेर में कार्यक्रम में जिसमें वह शिरकत करने के लिए जा रहे हैं लेकिन राज्यपाल का इस तरह से फर्स्ट क्लास एसी में सफर करना चर्चा का विषय बना हुआ है क्यूंकि इससे पहले जब राज्यपाल दौरे के लिए जाते थे तो ट्रेन में अलग से बोगी लगाई जाती थी.  राज्यपाल शुक्रवार रात 8 बजे जयपुर से बाड़मेर की ट्रेन से यात्रा करेंगे और शनिवार सुबह 6 बजे बाड़मेर पहुंचेंगे. 

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Haribhau Bagade:आमतौर पर देखा जाता है कि कोई भी राज्यपाल कहीं भी यात्रा करने के लिए जाता है तो संवैधानिक पद के चलते वीआईपी ट्रीटमेंट के साथ ले जाया जाता है, या विशेष सुरक्षा और प्रोटोकॉल के तहत लेकर जाया जाता है. लेकिन पहली बार ऐसा देखने देखने में आया, जब राजस्थान के नए राज्यपाल राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े जयपुर से बाड़मेर के लिए ट्रेन से जा रहे हैं. वहीं ट्रेन में भी विशेष बोगी नहीं है.

पहले लगती थी अलग बोगी 

राज्यपाल आम व्यक्ति की तरह फर्स्ट क्लास एसी में सफर कर रहे हैं. दरअसल राज्यपाल का 10 तारीख को बाड़मेर में कार्यक्रम में जिसमें वह शिरकत करने के लिए जा रहे हैं लेकिन राज्यपाल का इस तरह से फर्स्ट क्लास एसी में सफर करना चर्चा का विषय बना हुआ है क्यूंकि इससे पहले जब राज्यपाल दौरे के लिए जाते थे तो ट्रेन में अलग से बोगी लगाई जाती थी.  राज्यपाल शुक्रवार रात 8 बजे जयपुर से बाड़मेर की ट्रेन से यात्रा करेंगे और शनिवार सुबह 6 बजे बाड़मेर पहुंचेंगे. 

राज्यपाल का बाड़मेर में कार्यक्रम

बाड़मेर रेल्वे स्टेशन से राज्यपाल बाड़मेर सर्किट हाउस में जाएगे.सर्किट हाउस के बाद गडरारोड के पास स्थित तामलोर में विकास कार्यों का अवलोकन करेंगे. इसके बाद मुनाबाव भारत-पाक बॉर्डर पर जाएंगे. जहां बॉर्डर विजिट के बाद बीएसएफ जवानों के साथ संवाद करेंगे. इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे जिला ​परिषद सभागार में अधिकारियों के साथ ​मीटिंग लेंगे. इसके बाद सर्किट हाउस में कुछ देर विश्राम के बाद शाम की ट्रेन से जयपुर के लिए रवाना होंगे.

पश्चिमी राजस्थान का करेंगे पहला दौरा 

राज्यपाल बनने के बाद हरिभाऊ किसनराव बागड़े का राजस्थान के अन्य ज़िले में पहला दौरा है. जिसमें राज्यपाल पश्चिम राजस्थान का दौरा करेंगे. वही लोग राज्यपाल के इस कदम की सराहना कर रहे हैं कि जिस तरह से राज्यपाल ने सारे प्रोटोकॉल तोड़कर आम आदमी की तरह यात्रा कर रहे हैं. इससे यह संदेश मिलता है कि वाकई भले ही राज्यपाल प्रदेश के पहले मुखिया हो लेकिन उन्होंने आम व्यक्ति के जैसे से ट्रेन में सफर किया है.

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