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Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में हीटवेब से अभी तक 5 मौत, अधिकारी बोले- मीडिया में चल रहे आंकड़े तथ्य से परे

Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में हीटवेब के कारण अभी तक 5 लोगों की मौत हुई है. सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से 5 मौत की जानकारी दी गई है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में मौत का आंकड़ा 60 से अधिक बताया जा रहा है.

Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में हीटवेब से अभी तक 5 मौत, अधिकारी बोले- मीडिया में चल रहे आंकड़े तथ्य से परे
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan Heat Wave Death: राजस्थान में बीते एक पखवाड़े से भीषण गर्मी का दौर जारी है. हालांकि बीते दो दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.  लेकिन इसके बाद भी तपती गर्मी ने राजस्थान के लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. प्रदेश में गर्मी और हीट वेब के कारण कई लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है. लेकिन आधिकारिक रूप से इन्हें गर्मी के कारण हुई मौत नहीं माना जा रहा है. आधिकारिक रूप से अभी तक हीटवेब के कारण राजस्थान में 5 लोगों की मौत हुई है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में यह आंकड़ा 60 से अधिक बताया जा रहा है.

हीटवेव से हो रही मौतों पर गुरुवार को जन स्वास्थ्य के निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा है कि हीटवेव को लेकर समुचित प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव को लेकर मार्च माह से ही तैयारियां प्रारम्भ कर दी थी, इसके चलते राजस्थान में हीटवेव की प्रबलता के बावजूद स्थितियां पूरी तरह नियंत्रण में है. 

मीडिया में प्रसारित हीटवेब से मौत के आंकड़े को प्रशासन नहीं मान रही

निदेशक (जन स्वास्थ्य) ने कहा है कि विभिन्न मीडिया माध्यमों में हीटवेव से मौतों की जो संख्या प्रकाशित या प्रसारित की जा रही हैं, वे तथ्य से परे हैं, क्योंकि हीटवेव से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही जारी किए जा रहे हैं. यह आंकडे़ भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा मौत के कारणों की जांच कर जारी किए जाते हैं.

उन्होंने कहा है कि डेथ ऑडिट कमेटी हीट स्ट्रोक से संदिग्ध मौतों की जांच भारत सरकार द्वारा निर्धारित पैरामीटर्स के अनुसार करती है. इन पैरामीटर्स के अनुसार यदि कोई मौत हीट स्ट्रोक से पाई जाती है तो उसे प्रमाणित कर उसकी रिपोर्ट आईएचआईपी पोर्टल पर प्रेषित की जाती है.
 

आईएचआईपी पोर्टल पर जारी आंकडे़ ही प्रमाणिक हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार तेज गर्मी के दौरान गंभीर बीमारियों एवं अन्य कारणों से भी मौतें हो जाती हैं. प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें हीट स्ट्रोक से होना नहीं माना जा सकता. 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही प्रमाणिक जानकारी
डॉ. माथुर ने कहा कि हीटवेव से होने वाली मौतों को लेकर आमजन भयभीत एवं भ्रमित नहीं हों. प्रदेश में अब तक हीटवेव से 5 मौत हुई हैं. इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हीटवेव से मौतों का होना दुखद है. हमारा प्रयास है कि प्रदेश में हीटवेव से जनहानि नहीं हो.

विभाग हीटवेव को लेकर पूरी सतर्कता और सजगता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है तथा हर स्थिति की मुख्यालय के साथ ही जिला स्तर से भी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है. मालूम हो कि बीते दिनों सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से 6 मौतों की बात कही थी.


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