Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में एक बार फिर से नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी आसाराम की सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट से उनको बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को उनकी सजा स्थगन और इलाज की अवधि बढ़ाने की अर्जी पर सुनवाई होनी थी. लेकिन जज ने "एक्सेप्शन नॉट बिफोर मी" का हवाला देकर सुनवाई से इनकार कर दिया. इसके बाद मामला दूसरी बेंच को भेज दिया गया. इस कारण आसाराम को तत्काल राहत नहीं मिली और उन्हें निजी आयुर्वेदिक अस्पताल से जोधपुर सेंट्रल जेल वापस लौटना पड़ा.
स्वास्थ्य के आधार पर राहत की मांग
86 वर्षीय आसाराम 2018 से नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. उनके वकील का कहना है कि आसाराम की उम्र और गंभीर बीमारियों, जैसे प्रोस्टेट कैंसर, के कारण उन्हें तुरंत राहत की जरूरत है. इस पर मंगलवार को जब मामला सुनवाई के लिए जज के पास पहुंचा तो उन्होंने अपवाद (एक्सेप्शन नॉट बिफोर मी) का हवाला देते हुए दोनों मामलों को सुनने से इनकार कर दिया और फाइल को दूसरी बेंच में स्थानांतरित करने का लिख दिया.
अस्पताल से जेल की ओर रवाना
पिछले 30 दिनों से आसाराम का निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज चल रहा था. मंगलवार को इलाज की मोहलत खत्म होने के बाद उन्हें शाम को जेल वापस ले जाया गया. इस दौरान अस्पताल के बाहर उनके समर्थकों और जिज्ञासुओं की भीड़ जमा हो गई. लोग आसाराम को देखने के लिए बेताब दिखे, जिससे वहां हलचल बढ़ गई.
वकील ने की नई बेंच की मांग
आसाराम के वकील ने चीफ जस्टिस मनमोहन सिंह से आग्रह किया है कि नई बेंच गठित कर उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए. वकील का कहना है कि आसाराम की बिगड़ती सेहत को देखते हुए तुरंत फैसला जरूरी है.
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