Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट में सांसद-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया कि प्रदेश में एमपी और एमएलए के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को केस ऑफिसर स्कीम में ले लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को दिया था निर्देश
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2023 में एमपी-एमएलए से जुड़े आपराधिक मामलों के संबंध में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को स्वप्रेरित संज्ञान लेकर मॉनिटरिंग करने को निर्देश दिए थे. साथ ही निर्देश दिया था कि संबंधित ट्रायल कोर्ट से इन मामलों पर रिपोर्ट मांगी जाए, और जरूरत पड़ने पर विशेष अदालतों का गठन किया जाए.
इस पर हाईकोर्ट ने पूर्व में सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया था कि इन मामलों का ट्रायल जल्द पूरी किया जाए. मामले में सोमवार राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि जिन मामलों की जांच पुलिस कर रही है, उन्हें केस ऑफिसर स्कीम के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है. साथ ही, प्रत्येक केस के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
सरकार ने हाईकोर्ट में रखा पक्ष
सरकार ने यह भी कहा कि कुछ मामले सीबीआई के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और उनकी जांच एजेंसी स्वयं कर रही है, इसलिए वे केस ऑफिसर स्कीम में शामिल नहीं किए जा सकते. राज्य सरकार की ओर से पक्ष सुनने के बाद जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस रवि चिरानिया की पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख जनवरी के पहले सप्ताह में तय की है.
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