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Rajasthan: PM आवास योजना में 'गड़बड़झाला'! मंत्री मदन दिलावर ने लिया कड़ा एक्शन, सरपंच समेत 7 कर्मचारी सस्पेंड

Rajasthan news: पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर को उदयपुर जिले की ऋषभदेव पंचायत समिति की ग्राम पंचायत घोड़ी में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर कई शिकायतें मिल रही थीं, जिस पर मंत्री दिलावर ने कार्रवाई करते हुए कड़ा रुख अपनाया है.

Rajasthan: PM आवास योजना में 'गड़बड़झाला'! मंत्री मदन दिलावर ने लिया कड़ा एक्शन, सरपंच समेत 7 कर्मचारी सस्पेंड
Madan Dilawar ( फाइल फोटो)

Madan Dilawar News: राजस्थान के पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने उदयपुर जिले की पंचायत समिति ऋषभदेव की ग्राम पंचायत घोड़ी में बड़ी कार्रवाई की है. प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन न करने और मकानों का पैसा ट्रांसफर करने में गंभीर अनियमितता पाए जाने पर उन्होंने तत्कालीन सरपंच दिलीप परमार, वर्तमान प्रशासक और पूर्व सरपंच जसोदा मीणा सहित सात कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं.

सरपंच समेत सात कर्मचारी सस्पेंड

निलंबित किए गए कर्मचारियों में ग्राम विकास अधिकारी अजीत डामोर, रोजगार सहायक रमेश चंद्र डामोर, कनिष्ठ सहायक सुरेंद्र कुमार मीणा, सहायक विकास अधिकारी कैलाश जया और तत्कालीन विकास अधिकारी मूलाराम सोलंकी,तत्कालीन सरपंच दिलीप परमार और पूर्व सरपंच जसोदा मीणा  शामिल हैं. मंत्री दिलावर ने इन सभी को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ 16 सीसीए के तहत विभागीय कार्रवाई शुरू करने के भी आदेश दिए हैं.

करोड़ों रुपए का घोटाला और फर्जीवाड़ा  करने का है आरोप

विभाग को घोड़ी पंचायत में अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इन शिकायतों में तत्कालीन सरपंच दिलीप परमार, प्रशासक जसोदा मीणा और ग्राम सेवक और पंचायत सहायक के जरिए पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन और मनरेगा (MNREGA) जैसी प्रमुख योजनाओं में करोड़ों रुपए का घोटाला और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया था.

जांच टीम की थी गठित

इन गंभीर भ्रष्टाचार की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए, विभाग ने राजसमंद जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित की थी. कमेटी ने ग्राम पंचायत घोड़ी, पंचायत समिति ऋषभदेव (जिला उदयपुर) में हुई अनियमितताओं की गहन जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी.

घोटाले और फर्जीवाड़े के आरोप में सातों पर गिरी गाज

जांच रिपोर्ट में तत्कालीन सरपंच दिलीप कुमार, वर्तमान सरपंच/प्रशासक जसोदा मीणा, विकास अधिकारी अजीत कुमार डामोर, रोजगार सहायक रमेश चंद्र डामोर, कनिष्ठ सहायक सुरेंद्र कुमार मीणा, सहायक विकास अधिकारी कैलाश जोया, और तत्कालीन विकास अधिकारी मूलाराम सोलंकी को करोड़ों के घोटाले और फर्जीवाड़े के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी माना गया। इसी रिपोर्ट के आधार पर पंचायती राज मंत्री द्वारा अब इन सभी पर निलंबन की कार्रवाई की गई है.

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