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Rajasthan Mausam: राजसमंद में 3 घंटे की बारिश और दरिया बन गईं सड़कें, पानी के तेज बहाव में बही स्कूटी-बाइक

Rajasthan Rain: राजसमंद के नाथद्वारा में 3 घंटे की मूसलाधार बारिश से सड़कें 3 फीट पानी में डूब गईं. तेज बहाव में दुपहिया वाहन बह गए और दुकानों को नुकसान हुआ.

Rajasthan Mausam: राजसमंद में 3 घंटे की बारिश और दरिया बन गईं सड़कें, पानी के तेज बहाव में बही स्कूटी-बाइक
3 घंटे की मूसलाधार बारिश से सड़कों पर 3 फीट पानी
NDTV Reporter

Rajasthan News: मेवाड़ क्षेत्र में बीती रात इंद्रदेव जमकर बरसे, जिसने राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. देर शाम शुरू हुई और लगातार 3 घंटे तक चली मूसलाधार बारिश से नाथद्वारा की सड़कें दरिया में तब्दील हो गईं. सड़कों पर पानी का बहाव इतना तेज था कि कई दुपहिया वाहन (स्कूटी-बाइक) बह गए, जबकि पानी दुकानों में घुसने से व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा.

3 फीट पानी का भराव

राजसमंद जिले के प्रमुख कस्बों में से एक नाथद्वारा में रात 8 बजे झमाझम बारिश शुरू हुई. लगातार तीन घंटे तक हुई तेज बारिश ने शहर के मुख्य मार्गों को पूरी तरह से डुबो दिया. मंदिर मार्ग, सुखड़िया नगर और मुख्य बाजारों में सड़कों पर तीन-तीन फीट तक पानी भर गया. पानी का तेज बहाव ऐसा था कि लोगों को सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था. शहर की कई गलियों में खड़ी दुपहिया गाड़ियां (मोटरसाइकिल और स्कूटी) पानी के तेज बहाव में बहती हुई दिखाई दीं, जिसका वीडियो और तस्वीरें बाद में सोशल मीडिया पर भी सामने आईं.

दुकानों में पानी घुसने से आर्थिक नुकसान

तेज बारिश और जलभराव का सबसे बड़ा खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ा. मुख्य बाजारों में पानी का भराव 3 फीट तक होने के कारण आस-पास की कई दुकानों में पानी घुस गया. देर रात जब बारिश थमी, तब व्यापारी और उनके कर्मचारी अपनी दुकानों से पानी निकालने और क्षतिग्रस्त सामान को बचाने की जद्दोजहद में जुटे रहे. व्यापारियों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें लाखों का आर्थिक नुकसान होता है. दुकानदारों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि जल निकासी (ड्रेनेज) की व्यवस्था को स्थायी तौर पर सुधारा जाए, ताकि ऐसी भयावह स्थिति दोबारा न बने.

दशहरा मेले में अफरा-तफरी का माहौल

बारिश ने केवल सामान्य जनजीवन को प्रभावित नहीं किया, बल्कि एक सांस्कृतिक आयोजन में भी खलल डाला. नाथद्वारा में दशहरे के एक दिन बाद एक दशहरा मेला आयोजित किया गया था. देर शाम शुरू हुई झमाझम बारिश के कारण मेले में आए लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया. मेले में लगे स्टॉल्स और अस्थाई दुकानों को भी बारिश से काफी नुकसान पहुंचा. आयोजकों और स्टॉल मालिकों को जल्दबाजी में सामान समेटना पड़ा. इस अप्रत्याशित बारिश ने मेले का मजा किरकिरा कर दिया.

देर रात मिली राहत, लेकिन सवाल बरकरार

लगातार तीन घंटे की मूसलाधार बारिश देर रात जाकर थमी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली. पानी का स्तर धीरे-धीरे उतरने लगा, और स्थानीय प्रशासन के लोग जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुट गए.

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