Neem Ka Thana: सीकर जिले के नीमकाथाना इलाके के पाटन थाना अंतर्गत हसामपुर गांव में करीब 125 साल पुरानी हवेली में खुदाई के दौरान एक पुरानी लोहे की तिजोरी मिली है. तिजोरी मिलने की सूचना पर मौके पर ग्रामीणों की भीड़ हो गई और सूचना पर पाटन पुलिस भी मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी ली. इसके बाद पुलिस ने तिजोरी को ज़ब्त कर पाटन थाने में रखवाया.
वहीं पुलिस की ओर से जो वर्तमान हवेली मालिक है और जो पुराने हवेली मालिक हैं, उनको सूचना दी गई है. दोनों मकान मालिक आने के बाद तिजोरी को खोला जाएगा, इसके बाद ही पता चल पाएगा की तिजोरी में क्या है? बताया जा रहा है कि यह हवेली कभी मुसद्दीलाल तिवाड़ी के नाम से जानी जाती थी. परिजन अब गांव छोड़कर उड़ीसा और दिल्ली में बस चुके हैं. फिलहाल यह हवेली गांव के ही शक्ति सिंह द्वारा खरीदी गई थी, जिसे बाद में गोविंद शर्मा, जले सिंह जाटवास और धर्मपाल सैनी को बेच दिया गया.
अफ़वाहें फैलने लगीं और भीड़ इकट्ठी हो गई
इन्हीं द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्य के दौरान अचानक जमीन के भीतर दबी पुरानी तिजोरी सामने आई. तिजोरी दिखते ही कुछ ग्रामीणों ने अंदेशा जताया कि इसके अंदर “पुराना खजाना या कीमती सामान” हो सकता है. देखते ही देखते अफ़वाहें फैलने लगीं और भीड़ इकट्ठी हो गई.सूचना मिलते ही पाटन पुलिस मौके पर पहुंची और बिना किसी जोखिम के तिजोरी को अपने कब्जे में लेकर सील कर दिया.
तिजोरी को सुरक्षित तरीके से पाटन थाने ले जाया गया है
इसके बाद तिजोरी को सुरक्षित तरीके से पाटन थाने ले जाया गया है.पुलिस का कहना है कि तिजोरी को खोले जाने के बाद ही उसके अंदर मौजूद सामान का खुलासा हो पाएगा. साथ ही हवेली के वर्तमान मालिकों और तिवाड़ी परिवार के सदस्यों को सूचना भेज दी गई है. सभी की उपस्थिति में ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.गांव में इस रहस्यमयी तिजोरी को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है और लोग बेसब्री से इसके खुलने का इंतजार कर रहे हैं.
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