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Rajasthan News: वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 पेपर लीक में पकड़े गए नरेश देव सारण को 9 दिनों की रिमांड पर भेजा गया

नरेश देव सारण बाड़मेर राजकीय पीजी कॉलेज में एनएसयूआई से छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुका है. इसके अलावा, वह कांग्रेस से मनोनीत पार्षद और पूर्व पार्षद भी रह चुका है. इन राजनीतिक पदों के कारण वह अब तक कार्रवाई से बचता रहा, लेकिन अब एसओजी ने इसे गिरफ्तार कर लिया है.

Rajasthan News: वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 पेपर लीक में पकड़े गए नरेश देव सारण को 9 दिनों की रिमांड पर भेजा गया

Forest Guard Recruitment Exam 2020 Paper Leak Case: वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक मामले में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाड़मेर कांग्रेस के नेता नरेश देव सारण को गिरफ्तार किया है. नरेश देव सारण को 9 दिनों की रिमांड पर भेजा गया है. इससे पहले, इस मामले में मुख्य आरोपी हरीश सारण उर्फ हीराराम सारण को एसओजी ने करीब एक माह पूर्व इंदौर से गिरफ्तार किया था. नरेश देव सारण को शुक्रवार को बाड़मेर से हिरासत में लेकर पहले जोधपुर और फिर जयपुर ले जाया गया, जहां एसओजी मुख्यालय में उससे पूछताछ जारी है.

मामला 2020 में आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ा है

पेपर लीक का यह पूरा मामला 2020 में आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ा हुआ है. बताया जा रहा है कि यह पेपर बाड़मेर से ही लीक हुआ था. उस दौरान नरेश देव सारण का नाम इस मामले में सामने आया था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के कारण उसने अपने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाते हुए कार्रवाई से बचाव कर लिया था. हालांकि, अब जब एसओजी ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, तो इस मामले में नरेश देव सारण पर भी शिकंजा कसा गया है.

कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुका है सारण 

नरेश देव सारण बाड़मेर राजकीय पीजी कॉलेज में एनएसयूआई से छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुका है. इसके अलावा, वह कांग्रेस से मनोनीत पार्षद और पूर्व पार्षद भी रह चुका है. इन राजनीतिक पदों के कारण वह अब तक कार्रवाई से बचता रहा, लेकिन अब एसओजी ने इसे गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक सूचना सामने नहीं आई है, लेकिन पूछताछ के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस पेपर लीक में उसकी क्या भूमिका रही है.

एसओजी मुख्यालय में नरेश देव सारण से गहन पूछताछ 

एसओजी मुख्यालय में नरेश देव सारण से गहन पूछताछ की जा रही है. जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या वह इस पूरे गिरोह का हिस्सा था, या फिर उसकी भूमिका किसी अन्य रूप में रही है. एसओजी की इस कार्रवाई से बाड़मेर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. अब आगे की जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि पेपर लीक में और कौन-कौन शामिल था और क्या अन्य लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

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