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सरिस्का में विलुप्त हो रहे बाघों का बढ़ रहा है कुनबा, 7 नए शावकों के साथ संख्या पहुंची 40

Number of Tigers Increased: अब राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघ, बाघिन और शावकों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है. 

सरिस्का में विलुप्त हो रहे बाघों का बढ़ रहा है कुनबा, 7 नए शावकों के साथ संख्या पहुंची 40
नए शावकों की कैमरे में कैप्चर हुई तस्वीर

Sariska Tiger Reserve: दुनियाभर में टाइगर को बचाने की मुहिम लगातार चलती आ रही है. इसी क्रम में राजस्थान के अलवर में सरिस्का राष्ट्रिय उद्यान(Sariska Tiger Reserve) में भी यह मुहिम सफल होती नजर आ रहा है. अब 7 नए शावकों के आने से बाघों की कुल संख्या 40 हो गई है. बता दें कि 2003 में सरिस्का बाघों से वीहिन हो गया था. 2008 में रणथंभौर (Ranthambore National Park) राष्ट्रीय उद्यान से नए बाघ लाए गए, जिसके बाद से लगातार यहां बाघों की संख्या बढ़ रही है. इससे लोगों में खुशी की लहर है.

कैमरा ट्रैपिंग से सामने आई खबर

सरिस्का से आज एक बार फिर खुशखबरी आई है. जहां एक और बाघिन ST 22 ने 4 शावकों को जन्म दिया है. वहीं ST 12 आज 4 शावकों के साथ दिखाई दी है. ST 12 मार्च महीने में 3 शावकों के साथ दिखाई दी थी. तब यह माना जा रहा था कि 3 शावक हुए हैं, लेकिन कैमरा ट्रिप पद्धति सब देखने के बाद यह तय हो गया की ST 12 ने चार शावकों को जन्म दिया हैं.

बुधवार को ST 27 ने 2 शावकों को जन्म दिया था, जो कैमरा में दिखाई दी थी. अब सरिस्का में बाघ, बाघिन और शावकों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है. इनकी संख्या बढ़ने पर राजस्थान के वन मंत्री और अलवर शहर से विधायक संजय शर्मा ने आज अपने निवास पर मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की.

लगातार हो रही बाघों की मॉनिटरिंग

पहली बार मार्च में 3 शावक दिखाई दिए थे लेकिन आज इस बाघिन के साथ चार शावक दिखाई दिए . ST 22 में आज 4 शावक दिखे हैं और बुधवार को ST 27 दो शावक दे चुकी है. जहां 6 माह में सरिस्का में 10 शावक मिल गए हैं, अब इनकी संख्या 40 हो गई है. उन्होंने बताया कि सरिस्का में बाघों की कुनबे में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके लिए अधिकारी और वनरक्षक लगातार उनकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

गर्मी में पानी के पास रहता है मूवमेंट

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जब से पदभार समाधान जब भी वन्यजीव की सुरक्षा को लेकर उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे और अभ्यारण में रहने वाले किसानों के हितों की बात की थी. गर्मी के कारण वन्य जीवों का मूवमेंट पानी के पास ही रहता है और बारिश के मौसम में यह वन्य जीव कहीं भी मिल सकते हैं. सरिस्का में प्राकृतिक और कृत्रिम रूप से वाटर होल पर पानी पहुंचाया जा रहा है और जो भी व्यवस्था है वह अच्छी तरीके से की जा रही है. गर्मी में पानी कम मिलता है इसलिए बोरिंग या टैंकर के माध्यम से कृत्रिम पानी के स्रोतों को भरा जा रहा है, जिससे वन्य जीवों को परेशानी नहीं हो.

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