
Rajasthan: जैसलमेर और जोधपुर में ट्यूबवेल से उगलती गैस और पानी के बाद अब बालोतरा जिले के एक नीम के पेड़ से पानी निकलने की घटना ने लोगो का कौतूहल बढ़ा दिया है. समदड़ी क्षेत्र के मंजल गांव में नीम के पेड़ से निकलने वाले झागदार पानी से तीन स्थानीय लोगों ने चमत्कार मानकर पूजा अर्चना शुरू कर दी. धूप अगरबत्ती नारियल के साथ अब वह महादेव जी की मूर्ति को स्थापित कर निंबेश्वर महादेव नाम दे दिया है. जैसलमेर में बोरवेल खुदाई के दौरान निकला पानी का सैलाब और जोधपुर में बोरवेल में गैस रिसाव के कारण आग ने सबका ध्यान आकर्षित किया था, अब इस नीम के पेड़ ने वहां के स्थानीय लोगों को हैरान में डाल दिया.
"विशेषज्ञों ने बताया क्यों निकल रहा पानी"
हालांकि, इस घटना को लेकर वनस्पति विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना चमत्कार नहीं पेड़ो के बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हो रही है. इसे एग्रोबैक्टीरियम कहा जाता है, जिसमें पेड़ में बने ट्यूमर के कमजोर होने से और नमी के कारण इसमें पानी का रिसाव होने लगता है, जो करीब 5 से 7 दिन रहता है.

नीम के पेड़ से पानी निकलने लगा.
जैसलमेर में जमीन से फूट गया था पानी
जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में शनिवार को ट्यूबवेल की बोरिंग के दौरान अचानक पानी फूट गया था. पानी फव्वारे की तरह बाहर निकलने लगा था. रविवार रात अचानक पानी बंद भी हो गया था, इससे ग्रामीण और प्रशासन ने राहत की सांस ली है. खेत का मालिक विक्रम सिंह की मां रविवार रात घर में कुल देवी की दर्शन की. उनसे प्रार्थना करते हुए कहा कि मैंने बच्चों को जन्म दिया. अब तुम इनकी रक्षा करो. उन्होंने अड़ास माता से पानी रुकने के लिए प्रार्थना की. खेत मालिक का दावा है कि मां से प्रार्थना करते ही पानी रुक गया.
जमीन में समा गई 50 टन की मशीन
मोहनगढ़ उप-तहसील के 27BD के जोरा माइनर पर ट्यूबवेल खोदते समय जमीन से पानी और गैस रिसाव की घटना हुई थी. रविवार ( 29 दिसंबर) को रात 10 बजे के आस पास अपने आप ही पानी निकलना बंद हो गया. पानी निकलने की वजह से 50 टन की ट्यूबवेल खोदने वाली मशीन पूरी तरह से जमीन में समा गई. उसकी हाईट 50 फीट के आसपास है.