फलोदी की गलियों में सफाई कर जुटाते हैं सोना, न्यारिया समुदाय की कई पीढ़ियां... जुटा रही हैं धन

राजस्थान के फलोदी जिले में न्यारिया समुदाय की अनोखी परंपरा की कहानी सामने आई है. यह समुदाय कई पीढ़ियों से गलियों में सोना ढूंढता हैं. 

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फलोदी की गलियों में सोना ढूंढते हुए लोग.

Rajasthan News: राजस्थान के फलोदी जिले की गलियां एक अनोखी कहानी कहती हैं. यहां न्यारिया समुदाय के लोग हर सुबह गलियों और नालियों में सोना ढूंढते हैं. यह काम उनकी पीढ़ियों पुरानी परंपरा है जो उनकी आजीविका का मुख्य आधार है. कड़ी मेहनत और लगन के साथ ये लोग शहर के कोनों में बिखरे सोने के सूक्ष्म कणों को खोज निकालते हैं. यह दृश्य फलोदी की सांस्कृतिक और आर्थिक पहचान को और भी खास बनाता है.

जानें गलियों तक कैसे पहुंचता है सोना

स्वर्ण व्यापारियों के अनुसार सोने की जड़ाई और घड़ाई के दौरान बारीक कण यानी डस्ट निकलता है. यह डस्ट इतना सूक्ष्म होता है कि आंखों से दिखाई नहीं देता. यह कण व्यापारियों के कपड़ों बालों या दुकानों के आसपास फैल जाता है. सफाई या नहाने के दौरान यह डस्ट नालियों में बह जाता है. यहीं से न्यारिया समुदाय की मेहनत शुरू होती है. वे घंटों नालियों और गलियों में खोजबीन कर इन कणों को इकट्ठा करते हैं.

कई घंटे मेहनत के बाद मिलता है फल

न्यारिया समुदाय का यह कार्य धैर्य और कुशलता की मिसाल है. घंटों की मेहनत के बाद जब उनके हाथ सोने के बारीक कण लगते हैं तो उनकी मेहनत रंग लाती है. यह काम कठिन है लेकिन उनकी लगन उन्हें सफलता दिलाती है. यह परंपरा न केवल उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करती है बल्कि फलोदी की गलियों को एक अनोखी पहचान भी देती है.

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