
Rajasthan Politics: राजस्थान के सीकर जिले के काछवा गांव में आयोजित तेजाजी मंदिर के लोकार्पण समारोह में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल शामिल हुए. देर रात हुई सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा के जाट नेताओं पर भी जमकर हमला बोला.
सचिन पायलट पर किया तंज
सांसद बेनीवाल ने कहा कि अगर हमारे समाज के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के पैर छूते हैं तो मुझे शर्म आती है. उन्होंने कहा कि अगर जाट नेताओं के पैर छूने ही हैं तो अपने ही समाज के नेताओं के छू लो, जो सचिन पायलट से ज्यादा समझदार हैं लेकिन उनकी आदत नहीं जाएगी. बेनीवाल ने आगे कहा कि वे नेता उस दौर के हैं जब जनता को बेवकूफ बनाकर वोट लिए जाते थे. 2018 में साधन और संसाधन नहीं थे. कुछ नेता हमें मझधार में छोड़कर चले गए, हम अकेले लड़ते रहे और आप हमारे साथ थे. लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है. बेनीवाल ने कहा कि देश में चाहे कितने भी तूफान आ जाएं, लेकिन अब कांग्रेस 130 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी.
सीएम पद पर बयान
बेनीवाल ने एक बार फिर राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री बनाने की मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि इस मामले में वह अकेले ऐसे नेता हैं जो खुलकर आवाज उठाते हैं. बेनीवाल ने कहा कि यदि "बेनीवाल ने कहा कि यदि दूल्हा ढंग का हो तो मैं बाराती बन जाऊंगा, दुल्हन नहीं बनूंगा. अब दूल्हा मिल ही नहीं रहा तो मैं क्या करूं," .उन्होंने कहा कि 2018 से 23 आ गई, जिनको दूल्हा बनाना चाहते हैं, वह 15-15 मिनट में भाग रहे हैं. कभी कहते हैं दूल्हा बनूंगा तो कभी कहते हैं नहीं बनूंगा.
अग्निवीर भर्ती को रद्द करवाना लक्ष्य
24 घंटे में मंत्री बनने की क्षमता रखने के बावजूद, बेनीवाल ने जोर देकर कहा कि उनकी प्राथमिकता मंत्री बनना नहीं, बल्कि "संत्री" बनकर अपनी कौम की सेवा करना है और छोटे भाइयों को सत्ता में भागीदारी दिलाना है. न्होंने कहा कि उनका लक्ष्य अग्निवीर भर्ती को रद्द करवाना और पुरानी भर्ती प्रणाली को बहाल कराना है, जिसके लिए वह सीकर से एक नया आंदोलन शुरू करेंगे. उनका यह भी कहना था कि वह दिल्ली को चारों तरफ से घेरने के लिए भी तैयार हैं.
किसी नेता के चले जाने से देश को कोई फर्क नहीं पड़ता
नागौर सांसद बेनीवाल ने जाट समाज के लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने अफसोस जताया कि करोड़ों की संख्या में होने और एक ही डीएनए होने के बावजूद वे आपस में लड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि कैसे कुछ नेता जाट समुदाय को मुख्यमंत्री पद का झूठा वादा देकर गुमराह करते हैं, जबकि बाद में मुख्यमंत्री कोई और बन जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि किसी नेता के चले जाने से देश को कोई फर्क नहीं पड़ता, जैसा कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ हुआ था.
वसुंधरा राजे पर किया तंज
2003 में वसुंधरा राजे से हुए अपने झगड़े को याद करते हुए, बेनीवाल ने कहा कि अगर वह यह झगड़ा नहीं होता, तो तभी मंत्री बन जाते. उन्होंने कहा, "या तो हम नहीं या फिर मैडम नहीं," और वह रहे और वसुंधरा राजे को जाना पड़ा.
भजनलाल सरकार पर हमला
बेनीवाल ने भजनलाल सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भजनलाल का समय ज्यादा लंबा नहीं चलेगा. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत का भी जिक्र किया, जिन्होंने कहा था कि वह "जादूगर" हैं और उनके बेटे को कोई नहीं हरा सकता. लेकिन उन्होंने केवल चार रैलियां करके गहलोत की "जादूगरी" को खत्म कर दिया.
आगामी चुनावों में कांग्रेस 130 से अधिक सीटें नहीं पाएगी जीत
उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और भविष्यवाणी की कि आगामी चुनावों में कांग्रेस 130 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने व्यंग्यपूर्वक कहा कि यदि वे दोनों भाई-बहन मिलकर लड़ें, तो भी शायद ही 132 तक पहुंच पाएंगे.
यह भी पढ़ें; Jhunjhunu: 3 प्रिंसिपल और 5 शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने जारी किया नोटिस, 10 दिन में देना होगा जवाब