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राजस्थान की अंता सीट पर उपचुनाव की आहट! टिकट दावेदारी पर एक वीडियो ने बढ़ाई सरगर्मी

टिकट दावेदारी को लेकर सामने आए वीडियो पर भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार ने कहा कि उन्होंने वीडियो देख लिया है, जांच करवा रहे हैं. पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को भी इसकी जानकारी दी जाएगी. 

राजस्थान की अंता सीट पर उपचुनाव की आहट! टिकट दावेदारी पर एक वीडियो ने बढ़ाई सरगर्मी
राजस्थान की अंता सीट पर उपचुनाव की आहट

Rajasthan News: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. यह सीट  कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई है. अंता सीट पर उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी में आधा दर्जन से अधिक नेता टिकट के दावेदार के रूप में सामने आ रहे हैं. इस बीच बारां से बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष आनंद गर्ग के समर्थकों की एक बैठक का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें एक समर्थक कहता नजर आ रहा है कि 'टिकट मिले या नहीं, हम मैदान में जरूर उतरेंगे. पार्टी अगर किसी चोर को टिकट देती है तो हम उसका साथ नहीं देंगे.

कोयला में हुई बैठक का वीडियो

इस वीडियो पर भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार ने कहा कि उन्होंने वीडियो देख लिया है, जांच करवा रहे हैं. पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को भी इसकी जानकारी दी जाएगी. वीडियो 16 अगस्त को कोयला में हुई बैठक का बताया जा रहा है, जिसमें गर्ग के समर्थक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि आनंद गर्ग से बढ़िया कोई उम्मीदवार नहीं हो सकता. भाजपा के चार एमएलए थे, लेकिन सबसे ज्यादा भीड़ उनके पास लगी रहती है. फिलहाल उनके पास कोई पद नहीं है. इसके बाद भी वे लोगों की मदद कर रहे हैं. 

पूरी कोशिश करेंगे, टिकट मिले

उन्होंने आगे कहा कि टिकट के लिए पूरी कोशिश करेंगे और मिलेगा भी, यदि एक फीसदी भी कुछ होता है तो हम चुनाव लड़ेंगे, यह मन बना लो. हमें तो अपने व्यक्ति को चुनाव लड़वा रहे हैं. इसके बाद अन्य समर्थक कहते हैं, 'क्या हमने खीर खा रखी है? पार्टी हमें खाने को नहीं देती. पार्टी अपने को क्या देती है? अच्छे व्यक्ति का साथ देंगे. अगर पार्टी ने अच्छे आदमी को छोड़कर चोर को टिकट दिया, तो क्या हम उसका साथ दें? हमारे पास भी बुद्धि है. 

4 चुनाव में बीजेपी के 2 विधायक

बता दें कि अंता विधानसभा सीट से बीते चार चुनाव में भाजपा के दो विधायक चुने गए हैं, लेकिन दोनों ही विधायक स्थानीय नहीं होकर दूसरे जिले के हैं. इनमें एक पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी भी हैं, जबकि दूसरे कंवरलाल मीणा है, जिनकी हाल ही में सदस्यता रद्द की गई है. बीते दिनों अंता विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग समुदाय की मीटिंग हुई है. माली समाज ने अपने वोट ज्यादा बताकर समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग की है. दूसरी तरफ बीजेपी के नेता स्थानीय उम्मीदवार को ही टिकट देने की मांग कर रहे हैं.

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