
राजस्थान के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी. मंत्री खर्रा ने कहा कि डोटासरा के बयानों में दंभ झलकता है, इतिहास साक्षी है कि अहंकार न तो रावण का रहा, न ही कंस का रहा. आज संविधान की दुहाई देने वाले कांग्रेस के नेता भूल जाते हैं कि उन्होंने आजाद भारत का पहला संविधान संशोधन महज एक साल से भी कम अंतराल पर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज दबाने के लिए किया.
कांग्रेस ने संविधान को पैरों तले रौंदा
डोटासरा पर पलटवार करते हुए यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि इसके बाद तो अनेकों उदाहरण भरे पड़े हैं, जब कांग्रेस ने संविधान को अपने पैरों तले रौंदा था. अब वे 'सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली', कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. कांग्रेस राज में तुष्टिकरण और निजी राजनीतिक लाभ के लिए जयपुर, कोटा और जोधपुर को दो भागों में विभाजित किया था, लेकिन भजनलाल सरकार ने जनभावनाओं और जनसंख्या को देखते हुए सैद्धांतिक रूप से हमने इन तीनों ही स्थानों पर एक-एक निकाय के रूप में चुनाव करवाने का निर्णय किया है.
जुलाई में पूरा हो जाएगा वार्डों के सीमांकन का काम
वार्ड के सीमाओं की वृद्धि सीमांकन सहित अन्य कार्य विभाग स्तर पर किए जाते हैं, परिसीमन के बाद राज्य निर्वाचन आयोग का कार्य होता है कि वे मतदाता सूचियां बनाए और चुनाव प्रक्रिया संपादित करें. विभाग से जुड़े हुए विषयों पर अगर विभाग के अधिकारी और मंत्री के रूप में मैं नहीं बोलूंगा तो क्या गोविंद सिंह डोटासरा बोलेंगे?
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हम इस बात के लिए पूर्णतया आशांवित है कि 2028 में हम पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हम जन अप्रेक्षाओं के अनुरूप काम कर रहे हैं.
पायलट-गहलोत को लेकर डोटासरा पर हमला
उन्होंने डोटासरा पर हमला करते हुए कहा कि वे अगर मजबूत नेता हैं तो छाती ठोककर कहें कि या तो उनके गुरू जी (गहलोत) गलत थे, जिन्होंने अपने साथी (पायलट) को नाकारा, निकम्मा कहा था या फिर वे ये माने उनके गुरू सही हैं और जिन्हे वे आज मजबूत मान रहे हैं वो नाकारा, निकम्मे ही थे. ये दोनों विपरीत बातें एक साथ नहीं हो सकतीं.