![Rajasthan Politics: किरोड़ी लाल मीणा लिख रहे 4 जून के बाद की सियासी पटकथा, कांग्रेस के लिए तीर और निशाने पर सीएम भजनलाल... Rajasthan Politics: किरोड़ी लाल मीणा लिख रहे 4 जून के बाद की सियासी पटकथा, कांग्रेस के लिए तीर और निशाने पर सीएम भजनलाल...](https://c.ndtvimg.com/2024-05/7rtbgoc_bhajanlal-meena-gehlot_625x300_23_May_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan Politics: पूर्वी राजस्थान में मीणा जाति के क़द्दावर नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) इन दिनों बेचैन हैं. मीणा राजस्थान सरकार में कृषि मंत्री हैं लेकिन अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले बैठे हैं. किरोड़ी ने एक महीने में चार अलग अलग पत्रों के ज़रिए अपनी ही सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. ताज़ा पत्र उन्होंने पीएम मोदी को लिखा है. मीणा के इस रवैये के बाद सवाल ये है कि क्या केवल भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना ही मक़सद है या इन चिट्ठियों के सियासी मायने भी है.
गर्मी के मौसम में राजस्थान में तपिश अपने परवान पर है लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणामों से पहले राजस्थान में अब सियासी पारा भी बढ़ने लगा है. ख़ास तौर पर भाजपा के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के एक के बाद एक चार पत्रों ने सियासी तूफ़ान मचा दिया है. पहले तीन पत्र मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम लिखने वाले किरोड़ी लाल मीणा ने अब चौथा पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भेजा है. इस पत्र में किरोड़ी लाल ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए राजस्थान के बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में दोषी नेताओं और अधिकारियों के ख़िलाफ़ एक्शन लेने की मांग की है.
पीएम को लिखी चिट्ठी में लगाया यह आरोप
असल में एकल पट्टा प्रकरण का मामला 2011 का है. जब जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम से एकल पट्टा जारी किया था. 2013 में इसकी शिकायत एसीबी हुई थी. शिकायत के आधार पर शैलेंद्र गर्ग, तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी की गिरफ्तारी हुई थी. एसीबी कोर्ट में इनके ख़िलाफ़ चालान पेश हुआ था. विवाद बढ़ने पर जेडीए ने 25 मई 2013 को एकल पट्टा निरस्त कर दिया था.
बीजेपी सरकार बनने के बाद भी एक्शन नहीं
दरअसल किरोड़ी लाल मीणा को आपत्ति इसी बात पर थी कि राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा. बल्कि आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. मीणा ने पीएम को भेजे गये अपने पत्र में अशोक गहलोत सरकार में UDH मंत्री रहे शांति धारीवाल और कोर्ट में ग़लत रिपोर्ट पेश करने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की है. मीणा ने अपने पत्र में कोटा में विकास कार्यों में शांति धारीवाल और अशोक गहलोत पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है.
ये पहली बार नहीं है किरोड़ी लाल ने राजस्थान भाजपा सरकार को घेरा हो इससे पहले भी किरोड़ी लाल तीन अलग अलग पत्रों के ज़रिए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपनी ही सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं.
पहले पत्र में किरोड़ी लाल जल जीवन मिशन में घोटाले का मुद्दा उठाया तो सरकार को सभी टेंडरों को निरस्त करने की कार्रवाई करनी पड़ी. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखकर ईआरसीपी योजना में जल संसाधन विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे.
तीन चिट्ठियों में भजनलाल सरकार पर सवाल
सीएम को लिखे एक अन्य पत्र में जयपुर के गांधीनगर में राजकीय कॉलोनी के पुनर्विकास योजना के नाम पर पीपीपी मॉडल से मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बनाने के प्रोजेक्ट में 1146 करोड़ रुपए का घोटाला होने की संभावना जताई थी. किरोड़ी लाल का आरोप था कि योजना को मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और केबिनेट से अनुमोदित करवाए बिना ही काम शुरू कर दिया गया जबकि मुख्यमंत्री ने फाइल लौटा दी थी. इसके अलावा किरोड़ी ने तीसरे पत्र में राजस्थान खाद्य भंडारण निगम के पीपीपी प्रोजेक्ट को लेकर सवाल खड़े किए थे. इस पत्र में बताया है कि निगम के शुभम लोजिस्टिक्स के साथ MOU में सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. किरोड़ी का आरोप है कि मामला राजस्थान हाई कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन यहाँ भी निगम सरकार की ओर से मज़बूत पैरवी नहीं कर रहा.
किरोड़ी लाल मीणा की चिट्ठी के असल मायने
बेशक किरोड़ी लाल मीणा के पत्रों करप्शन के ख़िलाफ़ मुखर आवाज़ नज़र आती है लेकिन सवाल ये है कांग्रेस राज में पाँच साल तक गहलोत सरकार की नाक में दम करने वाले किरोड़ी अब अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष की भूमिका क्यों निभा रहे हैं.
दरअसल किरोड़ी लाल मीणा जानते हैं कि अगर दौसा सीट से भाजपा चुनाव हारती है तो उन्हें मंत्री पद छोड़ना होगा. लिहाज़ा वो इन पत्रों के माध्यम से राजस्थान CM पर सियासी प्रेशर बनाकर आने वाले दिनों के लिए अभी से ही अपनी अलग सियासी ही राह की तैयारी में जुटे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम अगर आशा अनुरूप नहीं रहे तो राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए किरोड़ी लाल मीणा बड़ी सियासी चुनौती साबित होने वाले हैं.