Rajasthan politics: लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था. राजकुमार रोत इंडिया गठबंधन से चुनाव लड़े थे. बांसवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद निवार्चित हुए. इसके पहले चौरासी विधानसभा से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक थे. सांसद बनने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया.
राजकुमार रोत के सांसद बनने पर चौरासी सीट खाली
चौरासी विधानसभा सीट खाली हो गई. इस सीट पर होने वाले उप-चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) अकेले चुनाव लड़ेगी. भारत आदिवासी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.
चौरासी विधानसभा सीट पर 10 साल से BAP का कब्जा
डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा पर पिछले दो चुनावों से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) का कब्जा है. BAP के राजकुमार रोत यहां से लगातार दूसरी बार विधायक बने थे. पिछले चुनाव में राजकुमार ने भाजपा के सुशील कटारा को 70 हजार मतों से हराया था.
चौरासी विधानसभा सीट पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी
चौरासी विधानसभा में BAP की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है. विधायक के उप-चुनाव में BAP इस सीट पर कब्जा बनाए रखने के लिए पूरा प्रयास करेगी. सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा भी इस बार BAP का गढ़ ढहाने का इरादा लेकर मजबूती से चुनावी मैदान में उतरने के मुड़ में है. पिछले चुनाव में कांग्रेस पार्टी यहां तीसरे स्थान पर थी. कांग्रेस के उम्मीदवार ताराचंद भगोरा की जमानत जब्त हो गई थी.
चौरासी विधानसभा सीट पर भाजपा के संभावित उम्मीदवार
चौरासी सीट पर उप-चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों की बात करें तो भाजपा से पूनावाडा सरपंच मनोहरलाल डामोर, बड़गामा सरपंच कांतिलाल अहारी, भचड़िया सरपंच गट्टूसिंह डामोर, गंधवा सरपंच ईश्वर विहात, पूर्व प्रधान महेंद्र बरजोड़ में से कोई एक हो सकता है.
कांग्रेस और BAP के संभावित उम्मीदवार
कांग्रेस से पूर्व प्रधान निमिषा भगोरा, सीमलवाड़ा सरपंच रूपचंद भगोरा, भादर सरपंच विनोद कटारा, कारीलाल बुझ और महेंद्र भगोरा में से किसी एक पर दाव लगा सकती है. BAP में पोपट खोकरिया ओर अनिल चिखली के नाम चर्चा में है. लेकिन, BAP पार्टी में उम्मीदवार चयन को लेकर बनी हुई सलेक्शन प्रणाली में कोई ओर नाम भी आ सकता है.
राजकुमार रोत ने लोकसभा चुनाव कांग्रस से गठबंधन की बात नकारा
चुनावी समीकरण की बात करें तो लोकसभा चुनाव में BAP और कांग्रेस का गठबंधन हुआ था, जिसकी वजह से कांग्रेस ने BAP के राजकुमार रोत को अपना समर्थन देते हुए उम्मीदवार नहीं उतारा था. गठबंधन की बात आती है तो उम्मीदवार किस पार्टी का होगा यह आने वाले समय में ही तय होगा. लेकिन, यहां गठबंधन के आसार कम ही है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार रोत ने कांग्रेस से गठबंधन की बात को नकारते हुए कहा था कि कांग्रेस ने उन्हें समर्थन दिया था, गठबंधन नहीं हुआ था.
BAP अपनी परंपरागत सीट से नहीं करना चाहेगी समझौता
BAP अपनी परंपरागत और मजबूत सीट पर किसी भी पार्टी से समझौता नहीं करना चाहेगी, इसलिए चौरासी सीट पर उप-चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं. उप-चुनाव में भाजपा भी सरकार होने का फायदा उठाते हुए चौरासी सीट पर पूरी ताकत लगाने के मुड़ में है. अब ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि भाजपा या कांग्रेस BAP पार्टी के गढ़ को भेद पाएगी या नहीं.