Rajasthan News: राजस्थान की जालौर लोकसभा सीट (Jalore Lok Sabha Constituency) यूं तो उम्मीदवारों के ऐलान के बाद से ही चर्चा में है. लेकिन इन दिनों वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) के बयान से सरगर्मी फिर तेज हो गई हैं. अपनी एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए वैभव गहलोत ने कुछ ऐसा कहा है जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कुछ लोगों ने वीडिया देखने के बाद माना कि वैभव गहलोत ने इस बयान के जरिए सचिन पायलट (Sachin Pilot) को निशाने पर लिया है. इसके बाद पायलट समर्थकों ने भी पलटवार शुरू कर दिया.
क्या कहा था वैभव गहलोत ने?
भीनमाल विधानसभा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए वैभव गहलोत ने कहा, 'मैं पार्टी के हर धरने प्रदर्शन में 10 साल रहा. 2009 में मैं झालावाड़ में प्रचार करने गया. झुंझुनूं, सीकर, जहां-जहां पार्टी ने कहा, मैं गया. 2008 में विधानसभा चुनाव में 23 जगह गया. 2009 में 5-6 लोकसभा क्षेत्रों में गया. 10 साल बाद मुझे पहली बार पद मिला.' इतना कहते हुए उन्होंने 2014 में टिकट कटने का वाकया सुनाया. वैभव ने कहा, '2014 में हमारी ही पार्टी में हमारे विरोधियों ने हमें टिकट नहीं देने दिया. 2014 में मेरा नाम टोंक- सवाई माधोपुर, जोधपुर और जालोर-सिरोही से चर्चा में था. लेकिन 2014 में पार्टी में जो विरोधी हैं, उन्होंने टिकट नहीं होने दिया.'
भड़क गए पायलट के समर्थक
वैभव के इस बयान को सचिन पायलट पर निशाना माना गया. क्योंकि 2014 में सचिन पायलट कांग्रेस अध्यक्ष थे. इसलिए लोगों ने कयास लगाया कि वैभव सचिन पायलट पर निशाना साधा रहे थे. इसके बाद पायलट समर्थक भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए और उन्होंने पायलट का वह वीडियो वायरल किया, जिसमें पायलट 2019 में वैभव गहलोत को टिकट दिलाने में अपनी भूमिका का जिक्र कर रहे हैं. सचिन पायलट ने कहा था, 'मुझे लगा था कि मुझे वैभव की पैरवी करनी चाहिए थी. आलाकमान बहुत ज्यादा इसके पक्ष में नहीं था. मैंने राहुल-सोनिया से कहा कि मेरी कार्यकारिणी में काम किया है, तो मैं समझता हूं कि मौका मिलना चाहिए. उससे पहले भी कई बार पार्टी ने टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी टिकट नहीं दे पाई थी. लेकिन मैं नहीं चाहता था कि नए-नए मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत का मनोबल घटे, इसलिए मैंने सीईसी में वैभव की मजबूत पैरवी की.'
नई शुरुआत करेंगे वैभव-सचिन?
इसके अलावा पायलट समर्थकों ने उस बयान को भी खूब वायरल किया, जिसमें पायलट वैभव गहलोत के पक्ष में प्रचार करने जाने की बात कर रहे हैं. अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अदावत पुरानी और जगजाहिर है. हालांकि इन दिनों दोनों नेताओं ने उसे पाटने की कोशिश की. स्वयं पायलट भी लगातार यह दोहराते रहे कि वे वैभव गहलोत के लिए प्रचार करने जाएंगे. हालांकि वे अभी तक गए नहीं. चर्चा है कि प्रियंका गांधी की सभा के दौरान वे वहां रह सकते हैं. इसलिए अब देखना है कि क्या अशोक गहलोत और पायलट की अदावत जारी रहती है, या वैभव और सचिन नई शुरुआत करते हैं.
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