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Rajasthan Politics: गलता पीठ पर गहलोत ने सरकार को घेरा, बोले- भगवान को माला तक नहीं उपलब्ध करवा पा रहे

Rajasthan News: पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार को गलता जी पीठ को लेकर घेरने की कोशिश की है.

Rajasthan Politics: गलता पीठ पर गहलोत ने सरकार को घेरा, बोले- भगवान को माला तक नहीं उपलब्ध करवा पा रहे
,Ashok Gehlot ( left) Galta Peeth ( Right)

Ashok Gehlot News: प्रयागराज में 8 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा ने देवस्थान विभाग से जुड़े कई अहम फैसले लिए थे. जिसे लेकर अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने गलता जी तीर्थ पर 23 दिनों तक भगवान को फूल मालाएं न चढ़ाए जाने पर हमला बोला है. क्योंकि इससे मंदिर की 521 साल पुरानी परंपरा टूट गई.

23 दिन से भगवान को नहीं चढ़ी फूल मालाएं

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए यह बात कही है. जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के प्रमुख वैष्णव तीर्थ गलता जी की जिम्मेदारी इस समय राज्य सरकार संभाल रही है. लेकिन भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण इस पवित्र तीर्थ की 521 साल पुरानी परंपराएं टूट गईं. 23 दिन से यह सरकार भगवान के लिए फूल माला तक उपलब्ध नहीं करा पाई है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जब भगवान के नाम पर वोट मांगने वाली पार्टी की सरकार भगवान के लिए माला तक उपलब्ध नहीं करा रही है.

 गलता जी में नहीं हो रही भगवान की सेवा

उन्होंने पोस्ट में आगे कहा कि भाजपा चुनावी हिंदू पार्टी है. वोट पाने के लिए वह चुनावों में हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है, जनता को भ्रमित करने के लिए प्रयागराज में कैबिनेट मीटिंग करती है, लेकिन भाजपा सरकार में प्रदेश की राजधानी में तीर्थ स्थलों की सेवा नहीं हो रही है.

521 सालों से चली आ रही परंपरा रही है टूट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गलता जी जयपुर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. इस समय यह अपनी टूटती परंपराओं के लिए चर्चा में है. क्योंकि उत्तर भारत के प्रमुख वैष्णव पीठ श्री गलता तीर्थ में 521 सालों से चली आ रही प्रसाद और फूल माला की परंपरा टूट रही है. 23 दिनों से यहां भगवान को फूल और मालाएं नहीं पहनाई गई हैं. इसके अलावा भगवान की भोग थाली से सब्जियां भी गायब हैं. यह सब राज्य सरकार की ओर से मुहैया कराया जाता है.

 देवस्थान विभागों के लिए  थे अहम निर्णय

बता दें कि 8 फरवरी को प्रयागराज में आस्था की डुबकी लगाने के बाद सीएम भजनलाला वहां बने राजस्थान मडंपम में राज्य के देवस्थान विभागों के लिए कई निर्णय लिए थे. जिसमें प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के 390 मंदिरों और आत्म निर्भर श्रेणी के 203 मंदिरों में सेवा पूजा, भोग, प्रसाद, उत्सव, पोशाक, जल एवं प्रकाश, सुरक्षा संचालन व्यवस्था आदि के लिए भोगराग को दोगुना करते हुए 3 हजार रुपए प्रति मंदिर प्रति माह किए जाना शामिल है.  

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