भारतीय कपास निगम (CCI) द्वारा नरमा फसल की खरीद समर्थन मूल्य पर की जा रही है. यह योजना किसानों को उचित दाम दिलाने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई थी, परंतु अनूपगढ़ क्षेत्र में यह योजना किसानों के लिए राहत के बजाय परेशानी का कारण बनती जा रही है. सबसे बड़ी समस्या गिरदावरी की अनिवार्यता को लेकर सामने आई है. सीसीआई ने समर्थन मूल्य पर नरमा बेचने के लिए गिरदावरी को अनिवार्य कर दिया है.
लेकिन अनूपगढ़ क्षेत्र की बड़ी भूमि धारा 6 ए से प्रभावित होने के कारण सैकड़ों वास्तविक काश्तकारों को गिरदावरी नहीं मिल पा रही. ऐसे किसान जो वर्षों से अपनी भूमि पर खेती कर रहे हैं, परंतु विवादों के चलते जिनके नाम गिरदावरी नहीं है. वे अपनी नरमा फसल सीसीआई को नहीं बेच पा रहे. सरकार के द्वारा नरमे की खरीद 7860 रुपये प्रति क्विंटल की जा रही है जबकि नरमे की खुले में खरीद 7200 से 7400 रुपये प्रति क्विंटल की जा रही है. जिनके इंसानों के पास गिरधारी नहीं है उन्हें करीब 700-800 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
1188 मुरब्बों के किसान प्रभावित
अनूपगढ़ क्षेत्र की बड़ी भूमि धारा 6 ए से प्रभावित होने के कारण सैकड़ों वास्तविक काश्तकारों को गिरदावरी नहीं मिल पा रही. ऐसे किसान जो वर्षों से अपनी भूमि पर खेती कर रहे हैं, परंतु विवादों के चलते जिनके नाम गिरदावरी नहीं है, वे अपनी नरमा फसल सीसीआई को नहीं बेच पा रहे. क्षेत्र के लगभग 1188 मुरब्बे इस समस्या से प्रभावित हैं. नतीजतन किसानों को मजबूरन अपनी फसल खुले बाजार में बेचना पड़ रही है, जहां वर्तमान भाव समर्थन मूल्य से 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल कम चल रहे हैं. प्रति किसान औसतन 40 से 40 क्विंटल नरमा उत्पादन को देखते हुए उन्हें हजारों रुपए का सीधा नुकसान झेलना पड़ रहा है.
सरकार को कई बार करवा चुके हैं अवगत
व्यापारी जतिन चावला ने बताया कि समर्थन मूल्य पर नरमा, सरसों मूंग आदि फसल के बेचने के लिए सरकार की तरफ से गिरदावरी की अनिवार्यता रखी जाती है. धारा 6 ए से संबंधित किसानों की कोई भी फसल का बेचान समर्थन मूल्य पर नहीं हो पाता है. इस सम्बन्ध में कई बार सरकार के समक्ष उठाई गई है लेकिन आज तक समाधान नहीं हो पाया है. सरकार को धारा 6 ए से संबंधित किसानों को फसल के समर्थन मूल्य पर बेचान के लिए राहत देनी चाहिए.
किसान एप में आ रही है समस्या
इसके साथ ही सीसीआई द्वारा पंजीकरण के लिए अनिवार्य किए गए किसान ऐप ने भी किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ऐप में सर्वर एरर और डेटा अपलोड न होने जैसी तकनीकी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं. कई किसान पूरे दिन नेटवर्क और तकनीकी गड़बड़ियों से जूझते रहते हैं, परंतु पंजीकरण पूरा नहीं हो पाता. इससे भी किसानों को मजबूरन खुले बाजार में बेचना पड़ रहा है. पंजीकरण या गिरदावरी की बाध्यता के कारण किसानों की उपज समर्थन मूल्य पर नहीं बिक पा रही है.
जिला कलेक्टर को करवाया जाएगा अवगत
इस स्थिति को देखते हुए अनूपगढ़ व्यापार मंडल ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. व्यापार मंडल के अध्यक्ष विजय नागपाल ने बताया कि यह समस्या केवल तकनीकी नहीं बल्कि किसानों के जीवन-यापन से जुड़ी है. समर्थन मूल्य पर खरीद न होने से किसानों को आर्थिक नुकसान के साथ मानसिक तनाव भी झेलना पड़ रहा है. व्यापार मंडल जल्द ही जिला कलक्टर से मुलाकात कर इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेगा और ठोस समाधान की मांग करेगा.