Rajasthan News: राजस्थान ने मानव तस्करी और बंधुआ मज़दूरी जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है. शुक्रवार 12 दिसंबर को गृह रक्षा निदेशालय में एक विशेष रिपोर्ट जारी की गई. यह रिपोर्ट 500 से ज्यादा विशेषज्ञों और हितधारकों की सलाह से बनी है जो इन अपराधों को जड़ से उखाड़ फेंकने का रोडमैप देती है. डायरेक्टर जनरल और कमांडेंट जनरल होम गार्ड मालिनी अग्रवाल ने इस रिपोर्ट का विमोचन किया और सभी को इन अपराधों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया.
इस मौके पर आईजी संदीप सिंह डिप्टी कमांडेंट जनरल विजय सिंह भाम्भू और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. गृह रक्षा विभाग के सदस्यों और स्वयंसेवकों ने वादा किया कि वे राज्य से इन बुराइयों को पूरी तरह खत्म करने के लिए जी-जान से काम करेंगे.
रिपोर्ट की पृष्ठभूमि और तैयारी
यह रिपोर्ट जुलाई 2025 में राजस्थान पुलिस और गृह विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय परामर्श से निकली है. 18 और 19 जुलाई को हुए इस कार्यक्रम में कानून लागू करने वाली एजेंसियां न्यायपालिका श्रम विभाग और एनजीओ जैसे 500 से अधिक लोग शामिल हुए. इंटरनेशनल जस्टिस मिशन ने तकनीकी मदद दी ताकि रिपोर्ट व्यावहारिक और प्रभावी बने. चर्चाओं में तस्करी के नए पैटर्न चुनौतियां और रोकथाम के तरीकों पर गहराई से बात हुई.
कानूनी ढांचा और मुख्य निष्कर्ष
रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मानव तस्करी अब भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत संगठित अपराध मानी जाएगी. बंधुआ मज़दूरी के बारे में बताया गया कि 1976 के कानून के अनुसार यह तब होती है जब कोई व्यक्ति कर्ज या दबाव के कारण अपनी न्यूनतम मजदूरी आजादी और नौकरी चुनने का अधिकार खो देता है.
संविधान का अनुच्छेद 23 इन सभी अपराधों पर सख्त रोक लगाता है. रिपोर्ट ने पीड़ितों को बचाने और उनके पुनर्वास में मौजूद कमजोरियां उजागर की हैं लेकिन अच्छा काम करने वाले अधिकारियों की तारीफ भी की है. ये निष्कर्ष राज्य को मजबूत बनाने में मदद करेंगे.
व्यावहारिक कदम और नई मार्ग दर्शिका
परामर्श से कई उपयोगी सुझाव निकले जैसे जागरूकता फैलाने के अभियान एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग क्लब बनाना और बचाव सिस्टम को मजबूत करना. एक बड़ी उपलब्धि यह रही कि महानिदेशक पुलिस राजीव शर्मा ने बंधुआ मज़दूरी पर एक विस्तृत गाइडबुक विमुक्त जारी की.
यह किताब पुलिस और अन्य एजेंसियों के लिए उपयोगी संसाधन बनेगी जो इन अपराधों से लड़ने में मदद करेगी. कुल मिलाकर यह रिपोर्ट राजस्थान को सुरक्षित और न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा योगदान है.
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